हरिद्वार। तीर्थनगरी में आश्रम, धर्मशालाओं की सम्पत्तियों को ठिकाने लगाने का क्रम बदस्तूर जारी है। हालिया मामला एक अखाड़े से संबंधित गंगा किनारे स्थित एक सम्पत्ति का है।
बताया जा रहा है कि कभी विक्रय न हो सकने वाली इस सम्पत्ति का मालिकाना अधिकार विक्रेता के पास पट्टाद्वामी के रूप में था, परन्तु उसने संबंधित अखाड़े के एक मठाधीश से सांठ-गांठ कर हरिद्वार के एक चर्चित भू माफिया को उक्त सम्पत्ति औने-पौने दामों में विक्रय कर दी।
कहा यह भी जा रहा है कि इस सम्पत्ति के विक्रय में भाजपा के एक बड़े नेता का हाथ है, जिसने अपने पिछलग्गू नवाबी नेता को सामने कर लाखो रुपये का मुनाफा कमाया है। यही नहीं इस बड़े नेता की अखाड़े के मठाधीश से सांठ-गांठ करवाने में भी महती भूमिका बतायी जा रही है। चर्चा है कि अखाड़े के मठाधीश को भी लाखों रुपये का चढ़ावा चढ़ाया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिस सम्पत्ति को विक्रय किया गया है, उसके मालिक के पास उक्त सम्पत्ति का पट्टाद्वामी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी उसको प्रयोग में तो लाया जा सकता है, परन्तु विक्रय नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके सम्पत्ति को भाजपा नेता के प्रभाव में आकर बेच दिया गया।