जामा मस्जिद में भी मिलेंगी देवी-देवताओं की मूर्तियांःसाक्षी महाराज

हरिद्वार/ऋषिकेश वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जारी विवाद के बीच उन्नाव सांसद साक्षी महाराज ने अपने ही एक पुराने दावे के साथ नई बहस को हवा दे दी है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में यमुना नदी के तट पर बनी जामा मस्जिद भगवान विष्णु के मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। साक्षी महराज ने कहा कि यदि जामा मस्जिद की जांच की जाए तो वहां से भी प्राचीन हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलेंगी। यदि उनका दावा गलत निकला तो वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार हैं। मंगलवार को उन्नाव सांसद साक्षी महाराज ऋषिकेश में स्थित अपने भगवान आश्रम पहुंचे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए साक्षी महाराज ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सर्वे में जो बात सामने आई है, वह सुखद भी है और दुखद भी। सुखद इसलिए कि वर्षों से अपने आराध्य के दर्शन की आस में बैठे नंदी की तपस्या पूर्ण हुई है। इसके साथ ही करोड़ों शिव भक्तों की मुराद पूरी हुई है और समूचे विश्व के शिव भक्तों में आनंद की लहर है। मगर, दुखद इसलिए कि भारत में आए मुस्लिम आक्रांताओं ने किस तरह से हमारा मान-मर्दन किया और हमारी आस्था को कुचला, यह पीड़ा ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को देखकर सहज महसूस की जा सकती है। आज इस सर्वे के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है।

उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी और राम मंदिर ही नहीं मुस्लिम आक्रांताओं ने भारत में लाखों मंदिरों को तोड़कर उनके ऊपर मस्जिद का निर्माण करवाया।सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि उन्होंने 1991 में मथुरा सांसद रहते हुए दिल्ली की जामा मस्जिद की जांच कराने का बयान दिया था। वह आज भी अपने उस बयान पर अटल हैं और तमाम मुस्लिम नेताओं और पक्षकारों को चुनौती देते हैं कि वह जामा मस्जिद की खुदाई करवाएं। कहा कि यमुना नदी के किनारे जिस स्थान पर जाम मस्जिद बनी है, वहां पहले भगवान विष्णु का मंदिर था, जिसे मुस्लिम आक्रांताओं ने तोड़कर मस्जिद का निर्माण कराया। उन्होंने चुनौती दी कि यदि उनका दावा गलत निकला तो वह हर सजा भुगतने को तैयार हैं। यही नहीं इसके लिए उन्हें मृत्युदंड की दिया जाए तो वह उसे भी स्वीकार करेंगे।

साक्षी महाराज ने कहा कि यह देश संविधान से चलता है और देश के नागरिकों को न्याय पालिका में पूरा भरोसा रखना चाहिए। आगे भी जो कुछ होगा वह संवैधिनिक और न्यायिक प्रक्रिया से होगा। उन्होंने मांग की कि जिस तरह अयोध्या में ट्रस्ट का गठन किया गया, उसी तरह बाबा विश्वनाथ में भी ट्रस्ट बनाया जाय।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *