हरिद्वार। तीर्थनगरी हरिद्वार, जिसने अनेक तपस्वी संतों को दिया है। जिनके तप की ख्याति आज तक दूर-दूर तक फैली हुई है। किन्तु वर्तमान में ऐसे भी भगवाधारी तीर्थनगरी में मौजूद हैं जिनका छल, कपट, पाखंड और धोखाधाड़ी दूर-दूर तक विख्यात हो रही है। ऐसे छलिया संत अब तीर्थनगरी की शोभा बढ़ा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक हरिद्वार के एक संत को प्रधानमंत्री का पीए बताकर रौब दिखाने और वीवीआईपी सुविधाएं मागने के चक्कर में हवालात तक ही हवा खानी पड़ी। काफी मशक्कत के बाद संत को लिखित में माफी मांगकर अपनी जान बचानी पड़ी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना 11 जुलाईै 2010 की है। जब हरिद्वार का एक वरिष्ठ संत वैष्णों देवी की यात्रा पर गया। जिसके साथ में एक सिख परिवार भी था। कटरा पहुंचने पर संत ने कटरा स्थित सरकारी गेस्ट हाऊस में स्वंय को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पीए बताया और साथ में सिख परिवार की महिला को पीएम की बहन बताकर रौब झाड़ा। पीएम के पीए और बहन की उपस्थिति देख वहां लोगों में हडकंप मच गया और संत को वीआईपी सुविधा उपलब्ध करायी गयी। सूत्र बताते हैं कि संत ने रात्रि में खासा उपद्रव किया और अगले दिन वैष्णों देवी के दर्शन के लिए चले गए। वहां से लौटने पर संत ने फिर से अपना पाखण्ड दिखाना शुरू कर दिया। जिस पर वहां के पुलिस अधिकारियों को शक हुआ। जिसके बाद संत की क्लास ली गयी। मामला खुलने पर संत पुलिस अधिकारी के समक्ष गिडगिड़ाने लगा। अब अपने को फंसता देख संत ने कुछ लोगों से मदद की गुहार लगायी और पुलिस अधिकारी की मिन्नतें की। जिसके बाद पुलिस अधिकारी ने संत से लिखित मंे ंमाफीनामा लिखवाकर संत को बामुश्किल छोड़ा। तब जाकर संत की जान में जान आयी। सूत्र बताते हैं कि संत की फर्जीवाड़े की यह आदत अभी तक गयी नहीं है। अब भी संत लोगों को अपने पाश में फांसकर धन, सम्पत्ति ऐंठने का कार्य कर रहा है।