हरिद्वार। श्रीजी वाटिका में भारत साधु समाज के संतों की आयोजित बैठक में संतों ने कुंभ के पौराणिक स्वरूप से छेड़छाड़ पर रोष जताया। उन्होंने कहाकि कुंभ के पौराणिक स्वरूप से छेड़छाड़ किसी भी सूरत में संत समाज स्वीकार नहीं करेगा। कहाकि साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद का वर्तमान में कोई अध्यक्ष नहीं है और न ही अखाड़ा परिषद अस्तित्व में है।
महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहाकि प्रशासन का कार्य व्यवस्था बनाना है, न की अपने बनाए गए नियमों को सतांे पर थोपना। भारत साधु समाज के आज नए पदाधिकारियों की भी घोषणा की। बैठक में स्वामी सत्यवृत्तानंद को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। जबकि विनोद गिरि को महामंत्री और स्वामी अमृतानंद को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
श्री जी वाटिका में हुई संतों की बैठक में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार पर और अधिक कार्य करने की जरूरत पर मंथन करने को कहा गया।
बैठक में संगठन को मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई। भारत साधु समाज ने नए नेतृत्व को कार्य सौपते हुए, संतांे से सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कार्य करने की उम्मीद जताई। भारत साधु समाज की इस बैठक में, महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द गिरि, स्वामी अमृतानंद, स्वामी राजकुमार दास, स्वामी प्रकाशनन्द, महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद गिरि, स्वामी विनोद गिरि, स्वामी वीरेंद्र गिरी, स्वामी मोतीराम गिरी, स्वामी कैलाशानंद गिरि, शुभम गिरि के अलावा अनेक संत मौजूद थे।


