आश्रम में आरोपी संत मौजूद, फिर भी ढूंढ रही पुलिस

हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के नाम से कूटरचना कर बैंक खात खुलवाने और उसमें 50 लाख की ट्रांजेक्शन करने के आरोप में कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट के बाद भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। जबकि पुलिस उनकी इधर-उधर तलाश में जुटी है।


विदित हो कि कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविदर सिंह शास्त्री ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि महंत गोपाल सिंह शिष्य महंत निरंजन सिंह निवासी निर्मल अखाड़ा संत एवेन्यू जीटी रोड अमृतसर (पंजाब), महंत जगजीत सिंह शिष्य महंत महेंद्र सिंह निवासी निर्मल संतपुरा कनखल हरिद्वार, महंत मोहन सिंह शिष्य महंत जोगेंद्र सिंह निवासी भजनगढ़ आश्रम खड़खड़ी और महंत बलवंत सिंह शिष्य रतन सिंह निवासी सुखदेव कुटी कनखल ने केनरा बैंक की शाखा में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल कनखल हरिद्वार के नाम से गैर कानूनी रूप से एक बैंक खाता खोल लिया।

आरोप है कि खाता खोलने के लिए चारों ने 28 जून साल 2018 की किसी बैठक के फर्जी कागजात बैंक में दिए हैं।
जबकि अखाड़ा संविधान के अनुसार किसी भी प्रकार की बैठक बुलाने का अधिकार केवल संस्था के अध्यक्ष श्रीमंहत के पास या संस्था के सचिव अथवा कार्यकारिणी के किसी अन्य सदस्य की अनुमति से ही है। कोठारी महंत जसविदर सिंह शास्त्री ने आरोप लगाया कि चारों महंतों ने खाते से करीब 50 लाख रुपए की ट्रांजेक्शन की है। कनखल पुलिस ने महंत गोपाल सिंह, महंत जगजीत सिंह, महंत मोहन सिंह और महंत बलवंत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद आरोपितों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे। तभी से पुलिस उनकी तलाश कर रही है। जिनमें से जगजीत सिंह गुरुवार को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में महामण्डलेश्वर के पट्टाभिषेक समारोह में मंच पर करीब 3 घंटे विराजमान रहे। इतना ही नहीं शुक्रवार को जगजीत सिंह को निर्मल संतपुरा अपने आश्रम में देखा गया। जबकि पुलिस का कहना है कि वह लगातार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। किन्तु आरोपियों को पता नहीं लग पा रहा है।

मजेदार बात यह कि संत जगजीत सिंह का निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल थाने से करीब 50 कदमों की दूरी पर है। आज भी जगजीत सिंह अपने आश्रम में दिखायी दिए, किन्तु देखकर भी पुलिस उन्हें नहीं देख पायी।

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