एक अखाड़े के सचिव व दो अन्य संत हो सकते हैं षडयंत्र का शिकार!

जांच के लपेटे में करीब दो दर्जन नामी संत!
हरिद्वार।
वर्चस्व को लेकर संतों के बीच उत्पन्न हुई रार किसी बड़े घटनाक्रम की ओर इशारा कर रही है। यदि ऐसा होता है तो यह ना तो धर्म और न्याय की दुहाई देने वाले संतों के लिए उचित होगा और ना ही समाज के लिए।
सूत्र बताते हैं कि धोखाधड़ी के आरोपी 16 संतों के अतिरिक्त करीब आठ अन्य संतों की बड़े स्तर से जांच चल रही है। बताया जाता है कि एक प्रमाण सहित की गयी शिकायत पर यह जांच की जा रही है। जिसमें बड़ी धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि शिकायत दिसम्बर माह में प्रदेश के कई बड़े अधिकारियों, नेताओं को की गयी है। जांच का पता चलने के बाद भगवाधारियों के एक गुट विशेष में हडकंप मचा हुआ है और वे येन-केन-प्रकारेण जांच को प्रभावित करने के हर हथकंडे अपनाने में जुट गए हैं। सूत्र बताते हैं कि बावजूद इसके इनकी सभी कोशिशें धराशायी होने वाली हैं।
एक अखाड़े की खालसा मढ़ी के विशेष सूत्रों के मुताबिक जांच से बौखलाए गुट विशेष के संतों का कहना है कि हमारी सरकार बनने के बाद ऐसे लोगों को देख लिया जाएगा। जो हमारे खिलाफ हैं। सूत्र बताते हैं कि जिन भगवाधारियों की जांच की जा रही है उनमें धोखाधड़ी, महिला प्रेम, अपहरण जैसे मामलों में सलिप्त शामिल हैं। जिस कारण से बौखलाहट अधिक बढ़ी हुई है।
वहीं सूत्र बताते हैं कि एक अखाड़े के सचिव महंत समेत दो अन्य संत जिनमें एक निरंजनी अखाड़े तथा एक अन्य अखाड़े के संत शामिल हैं, को षडयंत्र शामिल होने का आरोप लगाते हुए भविष्य में षडयंत्र का शिकार बनाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि गुट विशेष के भगवाधारियों का कहना है कि हमारी सरकार आते ही इन सबको देख लिया जाएगा। इन्हें ऐसे षडयंत्र में फंसाया जाएगा कि ये देखते रह जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि कुछ भगवाधारियों के काले कारनामों का चिट्ठा अधिकारियों और बड़े नेताओं के पास पहुंच चुका है।
मामला चुनाव के कारण ठंडे बस्ते में है। इन सब हालातों से लगता है कि जिस प्रकार से भगवाधारियों के बीच रार की चिंगारी सुलग रही है वह चुनाव बाद प्रचण्ड अग्नि का रूप ले सकती है। जिसमें कई बड़े संत बेनकाब हो सकते हैं।

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