भगवान विश्वनाथ की पावन भूमि काशी में संस्कृत संसद का शुभारंभ हो चुका है। संस्कृति संसद के शुभारंभ से पूर्व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के श्री महंत तथा पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्र आनंद सरस्वती महाराज, अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री महंत राजेंद्र दास महाराज समेत करीब 500 संतों ने भगवान विश्वनाथ का अभिषेक किया।

अभिषेक का उद्देश्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन में अपने बलिदान देने वाले पुण्य आत्माओं की मोक्ष की कामना, राष्ट्र की एकता व अखंडता बने रहने व सनातन के सापेक्ष सरकार बनने की कामना की गई।
इस दौरान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि भगवान विश्वनाथ जगत के पालनहार हैं, जिन कामनाओं को लेकर संतों ने भगवान विश्वनाथ का अभिषेक किया है वह निश्चित ही पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि अभिषेक कार्यक्रम काशी विद्युत परिषद व गंगा महासभा के मार्गदर्शन में किया गया। उन्होंने कहा की संस्कृति संसद में धर्म, राष्ट्र, सामाजिकता, नैतिकता व अन्य मुद्दों पर होने वाला मंथन अवश्य ही देश व समाज को नई दिशा प्रदान करेगा।