हरिद्वार। विश्वगुरु भारत परिषद के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षक महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्रीमहंत ब्रह्मलीन नरेन्द्र गिरि महाराज की हत्या 18 करोड़ की रकम डकारने के लिए की गयी। इसमें शामिल लोगों की जांच की जानी चाहिए।
महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि अखाड़े के नाम पर 20 करोड़ रुपये वसूले गए। इनमें से 2 करोड़ ही अखाड़े में जमा हुए, जबकि 18 करोड़ रुपये की रकम हड़प ली गयी। इस कारण से नरेन्द्र गिरि हत्याकांड को अंजाम दिया गया। उन्होंने कहाकि इस मामले में अखाड़े के पदाधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि लम्बे समय से नरेन्द्र गिरि को अखाड़े से बाहर करने की साजिश चल रही थी। इसके साथ ही उनकी सम्पत्ति पर भी अखाड़े के कुछ लोगों की निगाहें थीं। महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि नरेन्द्र गिरि को आगे कर अखाड़े के नाम पर अवैध ढ़ग से वसूली की जाती थी। वह पैसा अखाड़े में जमा होता था। जब उन पैसों के वापस करने की बात आने लगी तो नरेन्द्र गिरि की हत्या कर आरोप आनन्द गिरि पर मढ़ दिया। उन्होंने कहाकि इस बात की भी जांच होनी चाहिए की जो सम्पत्ति निरंजनी अखाड़े की थी उसकी बिक्री से मिले पैसे कहां गए। जबकि आम लोगों से सम्पत्ति की आ़ड़ लेकर करीब 20 करोड़ रुपये वसूले गए और अखाड़े में दो करोड़ ही जमा हुए। उन्होंने कहाकि शेष 18 करोड़ रुपये अखाड़े में जमा करने का नरेन्द्र गिरि द्वारा दवाब बनाया जा रहा था, इस कारण से उनकी हत्या कर दी गयी।

18 करोड़ रुपये की रकम के गबन को लेकर हुई नरेन्द्र गिरि की हत्या!


