चैंपियन के बचाव में आईं पत्नी देवयानी, डॉक्टर पर साजिश का आरोप, आयोग में की याचिका

कुंवर प्रणब सिंह चैंपियन की धर्मपत्नी रानी देवयानी ने हालात और समय को देखते हुए, बिना किसी कारण के सरकारी अस्पताल हरिद्वार के नर्स द्वारा झूठे आरोप लगाना और सीधे-सीधे उनके द्वारा खानपुर विधायक उमेश कुमार के इशारे पर कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना और झूठे आरोप लगाकर और शिकायत झूठी करवा कर के संबंध में मानवाधिकार का हनन मानते हुए अपने अधिवक्ता अरुण भदोरिया एडवोकेट के माध्यम से राज्य मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड देहरादून में याचिका दायर की है।

याचिका में रानी देवयानी द्वारा लिखित में जानकारी दी गई कि उनके पति जो लंढौरा रियासत के राजा कुमार प्रणब सिंह चैंपियन है, जो लगातार उत्तराखंड विधानसभा में चार बार के विधायक रहे हैं और उनके पिता महाराजा स्वर्गीय कुमार नरेंद्र सिंह सन 1985 में विधायक रहे हैं। सन 1937 में दादा राजा बलवंत सिंह विधान परिषद के सदस्य रहे हैं।

कुमार प्रणव सिंह चैंपियन को तीन बार मंत्री का दर्जा व राष्ट्रीय हैवीवेट चैंपियन का होना और मंत्री और विधायक होने के बावजूद किसी भी प्रकार का कोई घोटाला कोई गवन कोई भी ऐसा आरोप नहीं लगा, जिस कारण से उनके परिवार की क्षेत्र में नहीं देश में नहीं बल्कि विश्व में मांन व प्रतिष्ठा व उनके बुजुर्गों का सम्मान है। उनके पुत्र कुंवर दिव्य प्रताप सिंह ने भी शूटिंग प्रतियोगिता में विश्व चैंपियन बनकर देश का नाम ऊंचा किया है। 25 जनवरी को खानपुर विधायक उमेश कुमार ने रानी देवयानी के प्राचीन लंढौरा रियासत के मुख्य गेट पर आकर गाली गलौज व फायरिंग करते हुए फेसबुक लाइव चलाना और उनके पति कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को ललकारना व जान से मारने की नीयत से फायर किया। कहा कि उमेश कुमार ने बुलावा दिया तो 26.1.2025 में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ उनके निवास स्थान पर मिलने के लिए गए, परंतु इरादतन व षड्यंत्र के तहत बुलावा देकर वहां पर उमेश कुमार के गुंडा प्रवृत्ति के लोगों ने राजा साहब के और राजा साहब के गनर मोंटी पवार व अन्य पर जानलेवा हमला कर दिया। जिस पर कुमार प्रणव सिंह चैंपियन के द्वारा अपने आत्मरक्षा के लिए और किसी भी व्यक्ति पर निशाना ना साधते हुए हवाई फायर किया।

याचिका में कहा कि उमेश कुमार ने एक घटना रात को की और दूसरी घटना 26 .1. 2025 में दोबारा की और अपने हाथ में पिस्तौल लेकर रानी देवयानी के पति कुंवर प्रणब सिंह चैंपियन को जान से मारने की नीयत से उनके घर की तरफ भागे। पुलिस कर्मियों द्वारा उक्त पिस्टल ले ली गई 25 जनवरी 2025 में रंग महल पर उमेश कुमार द्वारा की गई घटना के संबंध में रुड़की कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ। उसके पश्चात रुड़की कोतवाली में ही 26.1.25 रात 9:59 पर कुमार प्रणव सिंह चैंपियन व उनके सभी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया और 26 जनवरी 2025 की शाम 6:00 बजे नेहरू कॉलोनी जिला देहरादून की पुलिस ने बिना किसी मुकदमा दर्ज करें ही कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को गिरफ्तार कर लिया। बंदी वहान से नेहरू कॉलोनी से थाने रानीपुर हरिद्वार में लेकर आए तब तक भी कोई मुकदमा कुमार प्रणव सिंह चैंपियन के विरुद्ध दर्ज नहीं था।

लगभग चार घंटे बाद मुकदमा दर्ज किया गया और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को किसी साजिश के तहत मुकदमा दर्ज करने से चार घंटे पहले दर्ज कर लिया गया और उनको न्यायालय के आदेश पर हरिद्वार कारागार भेजा गया। कारागार में रहने के दौरान कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन कई भयानक बीमारियों से बीमार हो गए जिसे गंभीर हालत को देखते हुए न्यायालय के आदेश पर 15 फरवरी 2025 से हरिद्वार हॉस्पिटल में है, जहां पर उनके पति उपचाररत हैं। और पैथोलॉजी टेस्ट कराए गए हैं जिसमें सर्जन के द्वारा हैमराइड्स की गंभीर बीमारी बताई गई है जिसका इलाज ऑपरेशन द्वारा ही संभव है परंतु हरिद्वार के कार्यवाहक सीएमएस डॉक्टर विकासदीप के द्वारा साजिश करते हुए और उमेश कुमार विधायक खानपुर से साज करते हुए एक झूठा तथ्य प्रेस के सम्मुख रखा की कुंवर प्रणवसिंह चैंपियन बिल्कुल ठीक है और उनको डिस्चार्ज कर दिया जाए, जबकि सर्जन के द्वारा अपनी राय हेमोरॉयड्स की गंभीर बीमारी बताई गई है जो शल्य चिकित्सा द्वारा ही संभव है।

डॉक्टर विकास दीप के द्वारा किसके कहने पर बिना इलाज किया उन्हें कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को जेल भेजे जाने की राय देने के संबंध में षड्यंत्र किया है जिसकी जांच की जानि आवश्यक है। क्योंकि डॉक्टर विकास दीप कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को ठीक बता रहे हैं। सर्जन गंभीर बीमारी की रिपोर्ट दे रहे हैं। इस संबंध में रानी देवयानी ने अपने अधिवक्ता अरुण भदोरिया एडवोकेट के माध्यम से राज्य में राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर करके अपने पति की मेडिकल फाइल तलब करके वास्तविकता का संज्ञान लिया जाए की। बाबत याचिका दायर की है और यह भी मांग की है कि डॉक्टर विकासदीप जिन्हें प्रेस के सम्मुख बिना किसी आधार के एक बीमार व्यक्ति को सही होने की जानकारी किसके कहने पर और किस षड्यंत्रकारी के तहत कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के साथ धोखा करके उनके मानवाधिकार का हनन करके डॉक्टर विकासदीप द्वारा गंभीर अपराध किया है, जिसके लिए रानी देवयानी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, उत्तराखंड महानिदेशक स्वास्थ्य निदेशालय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी जनपद हरिद्वार, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक हरिद्वार और डॉक्टर विकासदीप कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को पक्षकार बनाते हुए कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि आए दिन अस्पताल की नर्स डॉक्टर साहब प्रणव सिंह चैंपियन के द्वारा धमकाना डांट लगाना आदि के झूठे आरोप लगाकर कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को मानसिक रूप से प्रताड़ित भी कर रहे हैं। जबकि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन आईसीयू के बाहर उनके पुलिस गार्ड लगी हुई है। उनको भी आज तक किसी नर्स या डॉक्टर के द्वारा शिकायत नहीं की गई है, जिसकी जानकारी वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा भी किसी भी ऐसी घटना का होने से स्पष्ट मना किया है।

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