हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हरिद्वार नगर द्वारा युवा संवाद कार्यक्रम दिव्य प्रेम सेवा मिशन चंडीघाट के परिसर में आयोजित किया गया। तीन सत्रों में आयोजित कार्यक्रम के पहले सत्र की ओडियो-वीडियो सत्र, द्वितीय सत्र में प्रश्नोत्तरी-जिज्ञासा समाधान तथा तीसरा सत्र बौद्धिक का रहा। तृतीय समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम् जी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि देश के लिए मरना सीखो, देश के लिए जीना सीखो। संघ के इस गीत की यह पंक्तियां हमारे जीवन को नई ऊर्जा देती है। उन्होंने महान क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नारे तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का स्मरण करते हुए कहा कि देश के लिए सर्वत्र समर्पण करने की भावना, देश का युवा अपने प्राणों का मोह छोड़ते हुए कार्य करेगा तो देश निशिचत स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर बढ़ जाएगा। मैं रहूं या न रहूं, ये देश रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष राम-कृष्ण, महाराणा प्रताप,वीर शिवाजी आदि महान व्यक्तित्वों का है। देश की स्वस्न्त्रता में आरएसएस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संघ संस्थापक डॉ. हेडवागर बचपन से ही क्रांतिकारी प्रवर्ति के थे। बाल्यकाल के सैकड़ों स्मरण है जब उन्होंने सीधे तौर पर ब्रिटिश हकूमत से टक्कर ली। लेकिन जब वह युवा हुए तब उन्होंने सोची समझी रणनीति के तहत नागपुर छोड़ कर कलकत्ता जाकर डॉक्टर की पढ़ाई की। उस समय कलकत्ता क्रांतिकारियों का केंद्र बिंदु था। क्रांतिकारियों की राजधानी माना जाता था। कलकत्ता में रहते हुए वह गरम दल कहे जाने वाले क्रांतिकारियों के समूह का हिस्सा हो गए। डॉ हेडवागर ने विचार किया कि आंदोलन की राह सही दिशा में आगे बढ़ रही है, बहुत जल्द आजादी मिल ही जाएगी, लेकिन आजादी के बाद क्या भारतीय परंपराओं सनातन सँस्कृति, मठ-मन्दिर धर्म का संरक्षण हो पायेगा। देश को अपनी पहचान बनाये रखने के साथ सम्पूर्ण आजादी मिले, इस भावना से 1925 में डॉ हेडवागर ने संघ की स्थापना की। पदम जी ने कहा कि यदि संघ नही होता तो आज भारत-भारत नहीं होता। संघ संस्था नहीं जीवंत विचार है। उन्होंने कहा कि भारत अपने जीवन मूल्यों के कारण विश्व गुरु कहलाता है। क्या आज का युवा अपने मूल्य को समझ पा रहा है। युवा अपनी योग्यता के अनुसार अपने जीवन का मूल्य समझे और राष्ट्र निर्माण में भागेदारी निभाये। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ पंकज शर्मा ने की। प्रथम सत्र में नगर सह कार्यवाह डॉ. अनुराग ने जानकारी दी। द्वितीय सत्र में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संयोजक संजय चतुर्वेदी मौजूद रहे। जिला संघचालक कुँवर रोहिताश ने स्वयंसेवकों के प्रश्नों व जिज्ञासाओ का समाधान किया। मंचासीन अतिथियों में नगर संघचालक डॉ यतीन्द्र नाग्यान मौजूद रहे।
इस मौके पर प्रो. प्रेमचन्द्र शास्त्री, नगर प्रचारक रमेश मुखर्जी, देशराज शर्मा, कुलदीप, डॉ शशिकांत, विपिन चौहान, सौरभ सारस्वत, अरविंद श्रीवास्तव, विकास तिवारी मुख्य थे। कार्यक्रम व्यवस्था में मुख्य रूप से उमेश, अनुपम, डॉ अनुराग, डॉ शैलेन्द्र व आदित्य, वरून, अभिमन्यु, विशाल उमेश, मानव,कार्यक्रम आराध्य, अंकुर, उमेश, विशाल, ऋतिक, राजवीर, कुलदीप, विकास, धर्मेंद्र, मनीष, राजवीर, अनिल, हार्दिक, विष्णु, प्रदीप,अंकुर कुश आदि मुख्य रहे।

संघ के युवा संवाद में बोले पद्म, राष्ट्र निर्माण ने युवा निभाये अपनी भूमिका


