गांव टांडा महतौली में मिला अजगर, वन विभाग ने किया रेस्क्यू, नदी में छोड़ा

विनोद धीमान
हरिद्वार।
लक्सर क्षेत्र के टांडा महतौली गाँव के पास खेत काम कर रही महिलाओं में उस समय हड़कंप मच गया जब महिलाओं ने एक विशालकाय अजगर को रेंगते हुए देखा। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बिना किसी नुकसान के अजगर को पकड़कर सुरक्षित रूप से बाणगंगा नदी में छोड़ दिया।

रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व कर रहे वन आरक्षी रोहित सैनी व निडर साहसी वनकर्मी गुरजंट सिंह ने बताया कि अजगर पूरी तरह स्वस्थ था और संभवतः भोजन की तलाश में गांव की ओर आ रहा था। टीम में शामिल वन आरक्षी रोहित सैनी और वनकर्मी गुरजंट सिंह ने सूझबूझ के साथ मिलकर करीब दो घंटे के प्रयास के बाद अजगर को पकड़ने में सफलता पाई। विशालकाय अजगर की लंबाई लगभग 15 फीट के करीब थी।

वन विभाग की इस तत्परता से न सिर्फ अजगर की जान बचाई गई, बल्कि ग्रामीणों को भी राहत मिली। ग्रामीण महिलाओं ने वन विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना की।

वन विभाग की अपील
वन अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी क्षेत्र में इस प्रकार का कोई वन्यजीव दिखाई दे तो घबराएं नहीं और न ही उसे नुकसान पहुंचाएं, बल्कि तत्काल विभाग को सूचित करें। विभाग की प्रशिक्षित टीम ऐसे जीवों को सुरक्षित तरीके से उनके प्राकृतिक वास में ले जाने के लिए सदैव तत्पर रहती है।

ग्रामीणों ने की वनकर्मी गुरजंट सिंह की सराहना

वन विभाग में संविदा पर तैनात गुरजंट सिंह न सिर्फ एक कर्मठ कर्मचारी हैं, बल्कि एक निडर और साहसी योद्धा भी हैं, जिन्होंने कई बार अपनी जान की परवाह किए बिना वन्यजीवों को सुरक्षित किया और ग्रामीणों को संकट से उबारा। गुरजंट सिंह ने जनवरी, 2025 से जुलाई तक- 161 सांप, 56 सांभर, 13 अजगर, 9 मगरमच्छ, 12 मॉनीटर लिजार्ड (गो), 6 चीतल, 6 नीलगाय एक गीदड़ और तेज रफ्तार शिकारी बाज को पकड़ कर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ चुके हैं। उनकी फुर्ती और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता ने उन्हें विभाग में अलग पहचान दिलाई है। कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में जब लोगों की जान पर खतरा मंडराने लगता है, तो गुरजंट सिंह बिना देर किए मौके पर पहुंचते हैं और खतरे को काबू में करते हैं।

गुरजंट सिंह का कहना है कि वन्यजीव भी हमारी प्रकृति का हिस्सा हैं। डर या अज्ञानता से लोग इन्हें नुकसान पहुंचा देते हैं, लेकिन अगर सही तरीके से काम लिया जाए तो उन्हें बचाया भी जा सकता है और इंसानों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।

वन विभाग के अधिकारियों और ग्रामीणों ने गुरजंट सिंह की बहादुरी और सेवा भावना की सराहना की है। विभाग उनके अनुभव और समर्पण को आने वाले कर्मचारियों के लिए मिसाल मानता है।

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