हरिद्वार। भारतीय प्राच्य विद्या सोसाइटी के पं. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि कलयुग में सोमवती अमावस्या व हरिद्वार तीर्थ का विशेष महत्व है। सोमवती अमावस्या का स्नान अश्वमेघ यज्ञ के तुल्य कहा जाता है। इस बार दो दिनों तक ये अमावस्या का योग होगा। 31 जनवरी को 14.15 दोपहर के बाद अमावस्या आ जायेगी, जो की 1 फरवरी तक 11.15 दोपहर तक रहेगी। 1 फरवरी को महोदय योग में मोनी अमावश्य होगी। ये दोनो ही दिन तीर्थ स्नान, दान के लिए बहुत ही शुभकारी होगी। उन्होंने बताया कि कहा जाता है कि महोदय योग में यदि मौन रहकर किसी कलश में सोना चांदी मोती धन, इत्यादि तीर्थ पर दान करते हैं तो ये दान व्यक्ति को राजनीति में महोदय बना देता है। बताया कि पहले राजा इस योग में गाय, सोना, चांदी दान किया करते थे। ये महोदय योग मौनी अमावस्या को 1 फरवरी को 6. 41 से 11.15 तक रहेगा। यह दो दिन विशेष हैं। 31 को सोमवती अमावस्या सिद्धि योग में होगी जो की अश्वमेेघ यज्ञ का फल देगी। दूसरे दिन महोदय योग मोनी अमावस्या होगी। जो की कोई बड़ा पद देने में सहायक होगी।
उन्होंने बताया कि नामांकन के लिए पंचमी, दशमी तिथि सर्वोत्तम कही गई है। पंचमी 23 जनवरी को थी, दशमी तिथि 27 जनवरी के दिन होगी। इसी दिन विशाखा नक्षत्र है। इसका स्वामी गुरु है, जो की राजनीति में सर्वोत्तम फल देता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 12.10 दोपहर से 12.50 तक होगा ये मुहूर्त नामांकन के लिए सर्वोत्तम कहा जाता है। इसमें नामांकन करने से जीत हासिल करने के बहुत अवसर प्राप्त होते हैं।