पर्यटन उद्योग मोर्चा ने किया पर्यटन कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन

यात्रा की एसओपी व कुंप्रबंधन को हटाए जाने की मांग
हरिद्वार।
अपने पूर्व घोषित कार्यकम के तहत संयुक्त मोर्चा पर्यटन उद्योग के साथ अन्य सभी पर्यटन व परिवहन से जुड़ी इकाइयों ने पर्यटन कार्यलय हरिद्वार के बाहर काला पर्यटन दिवस मनाया। जिसमें चारधाम यात्रा विरोधी एसओीी व कुप्रबंधन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने कहाकि चारधाम यात्रा मंें आने के बाद तीर्थ यात्रियों का उत्पीड़न हो रहा है। जिस कारण से चार धामों की छवि भी धूमिल हो रही है। साथ ही टूरिज्म स्टेकहोल्डर किसी भी तरह से काम नहीं कर पा रहे हैं। और आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न झेल रहे हैं। सभी ने देव स्थानम बोर्ड पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के विरोध में भी आवाज उठाई।
प्रदर्शनकारियों ने हरिद्वार की कुछ विशिष्ट संस्थाओं, उनके पदाधिकारियों द्वारा सरकारी पर्यटन दिवस के कार्यक्रम के बहिष्कार के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने व सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। प्रदर्शन में विशेष रूप से गंगा सभा से महामंत्री तन्मय वशिष्ट, धर्मशाला समिति से महेश गौड़ जी आदि शामिल रहे।
सभी ने सामूहिक रूप से चार धाम यात्रा को सुचारू रूप से चलायये जाने की मांग की। कहाकि किसी भी तरह की नंबर की बाध्यता को तुरंत प्रभाव से खत्म किया जाए। देव स्थानम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को तुरंत समाप्त किया जाए। मात्र देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने वाले यात्रियों को बिना किसी रुकावट के आने दिया जाए। प्रशासन कहीं पर भी तीर्थ यात्रियों को चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न करे।
पर्यटन ऑफिस के प्रदर्शन करने वालों में संयुक्त मोर्चा पर्यटन उद्योग, टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन, हरिद्वार होटल एसोसिएशन, टूर ऑपरेटर एसोसिएशन उत्तराखंड, हरिद्वार ट्रैवल ट्रेड एसोसिएशन, पंचपुरी टेंपो ट्रैवल एसोसियेशन, टैक्सी यूनियन, टाटा सूमो यूनियन एवम अनेक संस्थाओं के सदस्य, पदाधिकारी शामिल हुए। जिनमें अभिषेक अहलूवालिया, गिरीश भाटिया, विजय शुक्ला, संजय शर्मा, दीपक भल्ला, मिंटू पंजवानी, अर्जुन सैनी, सुनील जायसवाल, चंद्रकांत शर्मा, विकास कुमार, पुष्प्रीत सिंह, हरीश भाटिया, इकबाल सिंह, मुकेश कुमार, सौरभ वर्मा, अश्विनी चौहान, विकास कुमार, सोम प्रधान, महेश भट्ट, मंटू चौधरी, अभिषेक शर्मा, चेतन सुथार, पाल सिंह राणा, शमीम, और अनेक साथी उपस्तिथि रहे।

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