पकड़े जाने पर पक्ष-विपक्ष हुआ एकजुट
हरिद्वार। तीर्थनगरी की गरिमा को तार-तार करने में यहां के वाशिंदे ही पीछे नहीं हैं। एक तो काफी समय से गली-गली बिकती शराब और स्मैक ने तीर्थनगरी की गरिमा को तो ठेस पहुंचाई है, किन्तु अब देह व्यापार का घिनौना कार्य भी तीर्थनगरी में काफी पनपने लगा है। जिसमें बाहरी के साथ स्थानीय भी शामिल हैं। मजेदार बात यह की एक शराब की बोतल पकड़े जाने पर व्यक्ति का चालान कर देने वाली पुलिस देह व्यापार में लिप्त लोगों को पकड़ने के बाद भी नेताओं के दबाव में आकर छोड़ देती है। जिस कारण से इस कुकृत्य को अंजाम देने वालों के हौंसले बुलंद हैं।
सूत्रों के मुताबिक विगत माह कनखल थाना क्षेत्र स्थित एक होटल से रंगरेलियां मनाते हुए छह महिलाओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जबकि चर्चा 7 महिलाओं की थी। सूत्रों के मुताबिक पकड़ी गई सभी 6 महिलाएं संभ्रात परिवारों की थी। जिनमें से तीन उपनगरी कनखल और तीन ज्वालापुर निवासी थीं। इतना ही नहीं नेताओं से भी उनके खासे संबंध हैं। इनमें से कुछ तो अच्छे पदों पर भी हैं।
सूत्रों के मुताबिक महिलाओं के पकड़े जाने की खबर मिलते ही एक समाज विशेष के लोगों और नेताओं का थाने में जमावड़ा लग गया। महिलाओं के पकड़े जाने की घटना का किसी को पता ना चले इस कारण मामले को शीघ्र रफादफा कर दिया गया। पकड़ी गई महिलाओं को छुड़ाने के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों के नेता थाने पहुंच गए और तीर्थनगरी की मर्यादा का तार-तार करने का कार्य करने वालों को छुड़ा लाए।
मजेदार बात यह कि उस समय पक्ष-विपक्ष की दूरी समाप्त कर जातिवाद के नाम पर सभी एक हो गए।
इस बात का किसी को पता ना चले और यदि चल भी जाए तो लोगों को गुमराह करने के लिए सिंहद्वार स्थित एक होटल की कहानी बना दी गई। जबकि राजमार्ग स्थित दूसरे होटल में महिलाओं को पकड़ा गया था। सूत्र बताते हैं कि ऐसा नहीं की पकड़ी गई महिलाएं किसी दवाब या पैसो के लिए रंगरेलिया मना रहीं थी। पकड़ी गई सभी संभ्रांत और लाखों रुपये कमाने वाली थी। ऐसे में जब कानून की रक्षा करने वाले नेताओं दवाब में आकर ऐसे कृत्यों में लिप्त लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही ना करें तो तीर्थनगरी की गरिमा को कैसे बचाए रखा जा सकता है।