श्रीमहंत के कारनामों से प्रापर्टी डीलर परेशान

पांच करोड़ देने के बाद भी नहीं मिली जमीन
दो साल से खा रहे धक्के, केवल मिल रहा आश्वासन
हरिद्वार।
मानस में गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने कलियुग का वर्णन करते हुए लिखा है कि तपसी धनवंत दरिद्र गृही, कलि कौतुक तात न जात कही। अर्थात कलियुग में स्वंय को तपस्वी कहने वाले धनवान और सदगृहस्थ दरिद्र होगे। वर्तमान में सैंकड़ों वर्ष पूर्व गोस्वामी जी की लिखी यह पंक्ति वर्तमान में सटीक बैठती हैं। कथित तपस्वियों के पास जो धन है वह मेहनत करने नहीं बल्कि ठग विद्या के द्वारा अर्जित किया हुआ है। ऐसा नहीं की सभी भगवाधारी ठग विद्या के कारण ऐश ले रहे हैं। कुछ कथित भगवाधारी ऐसे हैं, जिनके कारण संतों की गरिमा को ठेस पहुंचायी जा रही है।
भगवाधारी की ठग विद्या का एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है। जहां एक संत ने दो प्रापर्टी डीलरों से कनखल क्षेत्र में जमीन देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये लिए। दो वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रापर्टी डीलरों को न तो जमीन मिल पायी और न ही उनका धन उन्हें वापस मिला। जमीन के नाम पर ठगने वाले श्रीमहंत के कारनामों से प्रापर्टी डीलर आजीज आ चुके हैं। जब भी श्रीमहंत से वे भेंट करते हैं तो हर बार उन्हें जमीन की रजिस्ट्री कर हिसाब पूरा कर देने का आश्वासन दे दिया जाता है। बावजूद इसके प्रापर्टी डीलर जमीन व पैसे के लिए दो सालों से धक्के खा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जमीन की एवज में पांच करोड़ लेने से पूर्व श्रीमहंत ने किसी भी पदाधिकारी से मंत्रणा नहीं की। अब पदाधिकारी जमीन बेचने में रोड़ा बने हुए हैं। जबकि श्रीमहंत मजे ले रहे हैं और प्रापर्टी डीलर परेशान हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *