हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी और विवादों को चोली-दामन का साथ रहा है। आए दिन विवादों की सूचना मिलना आम बात हो गयी है। अब एक बार फिर से सच की आवाज को उठाने पर उसे कुचल दिया गया। कारण की प्रो. श्रवण कुमार को उनके रिटार्यमेंट ने डेढ़ वर्ष पूर्व ही सेवानिवृत्ति दे दी गयी। बता दें कि प्रो. श्रवण कुमार ने कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने गुरुकुल के एक प्रो. के पुत्र की अंक तालिका में हेराफरी कर अंक बढ़ाए जाने की बात को उठाया था। जिसके विरोध में विवि के काफी शिक्षक व कर्मचारी आ गए थे। उसके बाद से ही कुलपति का पारा सातवें आसमान पर था। जिस कारण से प्रो. श्रवण कुमार को सेवा के डेढ़ वर्ष शेष रहते हुए भी सेवानिवृत्ति दे दी गयी। हरिद्वार में यह पहला मामला है जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर ऐसी सजा दी गयी हो। बहरहाल इस कदम के बाद से गुरुकुल विवि एक बार फिर से चर्चा के कंेन्द्र में आ गया है।

कुलपति के खिलाफ आवाज उठायी तो प्रो.श्रवण कुमार को कर दिया सेवानिवृत्त


