अखाड़ा परिषदः दूसरा पक्ष कोर्ट जाने की तैयारी में!

हरिद्वार। 13 में से 7 अखाड़ों ने बहुमत के आधार पर नए अध्यक्ष व महामंत्री समेत कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से गठन कर लिया है। इसके बाद भी संतों की राजनीति में उबाल आना अभी बाकी है। खबरों के मुताबिक इस मामले को अब कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी की जा रही है।
बता दें कि गुरुवार को तीन बैरागी, एक उदासीन, निर्मल व दो संन्यासियों के अखाड़ों ने अखाड़ा परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह शास्त्री महाराज की अध्यक्षता में बैठक कर महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज को अध्यक्ष व बैरागी निर्माही अणी अखाड़े के श्रीमहंत राजेन्द्र दास महाराज को महामंत्री सर्वसम्मपति से चुन लिया। जिसके बाद से परिषद के दूसरे गुट जिसमें छह अखाड़े, निरंजनी, जूना, आवाह्न, अग्नि, आनन्द व नया उदासीन अखाड़ा शामिल हैं, ने अब इस चुनाव को चुनौती देने के लिए न्यायालय में जाने का मन बना लिया है। नाम न छापने पर अग्नि अखाड़े के एक ब्रह्मचारी ने बताया कि सात अखाड़ों ने मिलकर जो चुनाव कर नए पदाधिकारियों का चयन किया है उसके खिलाफ कोर्ट में अपना पक्ष रखा जाएगा। सूत्र बताते हैं कि इस निर्णय के खिलाफ प्रयागराज में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कुछ संत गए थे। इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है। किन्तु अग्नि अखाड़े के ब्रह्मचारी के मुताबिक चुनाव को कोर्ट में चुनौती अवश्य दी जाएगी। अब समय बताएगी की अखाड़ों की राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता।
उधर जानकारों का मानना है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अपना कोई संविधान नहीं है और न ही यह कोई रजिस्टर्ड संस्था है। यह मुंह बोली संस्था है और जुबानी ही इसमें सारा काम चलता है। ऐसे में कोर्ट से कोई राहत मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है। वहीं जिन अखाड़ों ने चुनाव किया है उनके पास बहुमत है।

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