अब असली कालनेमियों पर शिंकजा कसने की तैयारी, एक संगठन का पदाधिकारी और एक कालनेमि आ सकता है लपेटे में

हरिद्वार। प्रदेश सरकार ने साधु का वेश धारण कर सनातन को ठेस पहुंचाने वाले कालनेमियों पर लगाम लगाने के लिए आपरेशन कालनेमि चलाया हुआ है। जिसके तहत अभी तक सैंकड़ों की संख्या में प्रदेश भर में कालनेमियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बावजूद इसके असली कालनेमियों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, जिस कारण से वह ऐश का जीवन यापन कर रहे हैं।


सूत्रों के मुताबिक अब असली कालनेमियों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा चुकी है। ऐसे कालनेमि जो भगवा धारण कर सनातन को बदनाम करने पर तुले हुए हैं और आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है, शीघ्र ही शिकंजा कसा जा सकता है। वैसे तो इस श्रेणी में अभी तीन कालनेमि और उनका एक चेला शामिल होना बताया जा रहा है, किन्तु फिलहाल दो बड़े कालनेमियों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी बतायी जा रही है। इसी के साथ इन कालनेमियों का एक चेला जो एक बड़े संगठन से ताल्लुक रखता है, पर भी शिकंजा कसा जा सकता है।


इनमें से एक कालनेमि के वित्तिय अनियमितताओं में फंसने की खबर है तो दूसरा हरफनमौला बताया गया है। जो कई बड़े कांडों को अंजाम दे चुका है और गंभीर प्रकृति के अपराधों में शामिल होना बताया जा रहा है। फिलहाल वित्तिय अनियमितता वाले पर अभी शिंकजा कसने में विलम्ब हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि इस कालनेमि ने संगठन के एक पदाधिकारी के साथ मिलकर फूट डालो और राज करो की रणनीति पर काम किया, जिस कारण से कालनेमि अब टारगेट पर आ गया है।


बताया जाता है कि फूट डालो और राज करो की नीति के तहत कालनेमि ने संगठन के पदाधिकारी को मोहरा बनाया और अपना उल्लू सीधा करने का काम किया। पदाधिकारी के कालनेमि के चंगुल में फंसने की मुख्य वजह उसका लंगोट का ढीला होना रहा। बताते हैं कि कालनेमि ने सुंदरी पेश कर संगठन के पदाधिकारी को अपने जाल में फंसाया और षडयंत्र का ताना-बाना बुना। वैसे लड़कियों को बड़े लोगों को मुहैय्या कराना और खुद भी ऐश करना कालनेमि की पुरानी फितरत है।

सूत्र बताते हैं कि श्री कृष्ण की नगरी के आसपास तक से यहां लड़कियों को बुलाया जाता है और धर्म के स्थान पर अधर्म के कार्य कराए जाते हैं। फिलहाल अब कालनेमि टारगेट पर आ चुका है। इसके साथ ही उसका साथी, जिसके संरक्षण में कालनेमि का आतंक है वह भी लपेटे में आ सकता है। किन्तु कालनेमि और उसके साथ एक संगठन के पदाधिकारी पर शीघ्र ही कार्यवाही होना तय माना जा रहा है।

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