कुछ ही समय में ड्राईवर और रसोईए बन गए करोड़पति
हरिद्वार। संत बाहुल्य कही जाने वाली हरिद्वार नगरी में सैंकड़ों संतों के मठ, मंदिर व आश्रम हैं। ऐसे में आए दिन किसी न किसी आश्रम में विवाद की खबरें सामने आती रहती हैं। हरिद्वार के अधिकांश आश्रमों की स्थिति ऐसी ही है कि उनमें कोई न कोई विवाद बना हुआ है। अधिकांश विवाद भगवाधारियों के द्वारा ही उत्पन्न किए हुए हैं।
विगत कुछ समय से कनखल के पायलट बाबा आश्रम में भी विवाद बना हुआ है। हालांकि संतों की मौजूदगी में पायलट बाबा की षोडशी के दिन ही उनकी शिष्या केको आइकोवा को आश्रम की कमान सौंप दी गई थी। इसके साथ ही कुछ अन्य साध्वियों को उनके सहयोग के लिए साथ ही जिम्मेदारी दी गई थी। बावजूद इसके आश्रम में विवाद बना हुआ है।
पायलट बाबा के निधन के बाद आश्रम के संत स्वामी कर्ण गिरि पर हमला हुआ, जिसकी उन्होंने शिकायत पुलिस से की। अब स्वामी ब्रह्मानंद ने अपने ऊपर हमले का आरोप लगाते हुए एसएसपी को पत्र दिया है। वहीं आश्रम में कई गुट बने हुए हैं, जो अपने को सही बताते हुए दूसरे पर कब्जे के प्रयास का आरोप लगाते हैं।
हालांकि पायलट बाबा आश्रम संग विवाद कोई नई बात नहीं है। पूर्व से ही आश्रम की गतिविधियां कानून और मर्यादा के खिलाफ रही हैं। बाबा पर उत्तरकाशी में बने आश्रम पर भी सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप था, जिसे प्रशासन ने बाद में तुड़वाया। नैनीताल में भी विवाद बना। वहीं बाबा के कनखल आश्रम के पास एक दलित की जमीन पर भी बाबा द्वारा कब्जे का आरोप लगा है, जिसका विवाद आज भी जारी है।
वहीं पूर्व में मलेशिया निवासी महादेवी नक्षत्रम् की बहन संग हुआ विवाद भी काफी दिनों तक चर्चा में बना रहा। अब वर्चस्व के साथ सम्पत्ति हथियाने के लिए प्रयास जारी हैं।
वहीं सूत्र बताते हैं कि आश्रम में इन दिनों वही लोग सर्वेसर्वा बने हुए हैं, जो कभी आश्रम में बाबा के ड्राईवर हुआ करते थे तो कोई बाबा के आश्रम में रसोईये की ड्यूटी किया करता था। आज सभी करोड़पति बने हुए हैं। सभी के महलनुमा मकान व लग्जरी गाडि़यां होना बताया गया है। आखिर यह सब कैसे हुआ की रसोईया और ड्राईवर अचानक से करोड़ पति हो गए।
मजेदार बात यह की ऐसे ही लोग आश्रम की सम्पत्ति को खतरा बता रहे हैं। सम्पत्ति की रक्षा के लिए गुहार भी ऐसे लोगों से लगाई जा रही है, जिन पर आश्रमों को कब्जाने का आरोप है और न्यायालय में जिनका मामला चल रहा है।
संतों से संबंधी विवादों में सरकार की उदासीनता भी साफ नजर आती है। सरकार भगवाधारियों को अपना वोट बैंक मानती है। ऐसे में वह इनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं करती। जब सरकार की इन पर कृपा दृष्टि है तो सरकारी अधिकारी की क्या हिम्मत जो इनके खिलाफ कोई कार्यवाही संबंधी कदम उठा सके।
यही कारण है कि भगवा की आड़ लेकर इनके उपद्रव दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। यही कारण है की भगवाधारण कर अपराधी भी तीर्थनगरी में मौज उड़ा रहे हैं। जिस प्रकार की स्थित वर्तमान में पायलट बाबा आश्रम में बनी हुई है, वह किसी बड़ी घटना की ओर इशारा कर रही है। कारण की पूर्व में भी कई बार आश्रम में गोलीबारी की घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं।


