इसका मतलब ये नहीं है कि एलोपैथी की बुराई की जा रही है।
कारण:-
शारीरिक कमजोरी, नींद में कमी, वजन में कमी, कब्जियत, जल्दी सांस भर आना, पेशाब करने में रुकावट, चक्कर आना, खडे होने पर अंधेरा आना, सेक्स में कमजोरी, पसीना अधिक आता है।
ऐसे अनेक लक्षणों में से कुछ, प्रायः वृद्धावस्था में बिना पार्किन्सोनिज्म के भी देखे जा सकते हैं।
कभी-कभी यह भेद करना मुश्किल हो जाता है कि बूढे व्यक्तियों में होने वाले कम्पन, धीमापन, चलने की दिक्कत, डगमगापन आदि क्यों हो रही है।
- निम्बू के रस और नारियल पानी:-
अनुसार हाथों पैरों में कम्पन की समस्या से राहत पाने के लिए आपको नियमित पानी में निम्बू के रस को मिलाकर उसका सेवन करना चाहिए, इसके अलावा नारियल पानी का सेवन करने से भी इस समस्या से राहत पाने में आपको बहुत मदद मिलती है, तो यदि आपको भी ऐसा महसूस होता है, तो आप भी निम्बू या नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं। - दूध पीएं:-
सोयाबीन को दूध में मिलाकर उसके सेवन करने से या तिलों को दूध में मिलाकर खाने से, या फिर नियमित बकरी के दूध का सेवन करने से भी आपको हाथों और पैरों में होने वाली कम्पन की समस्या से राहत पाने में मदद मिलती है। - तनाव नहीं लें:-
जो लोग ज्यादा स्ट्रेस में रहते है, और हमेशा अपने दिमाग में नकारात्मक विचारों को ही उत्त्पन्न करते है, उन्हें भी इस परेशानी का शिकार होना पड़ सकता है, इसीलिए जितना हो सकें आपको अपने आप को खुश रखने की कोशिश करनी चाहिए, और हमेशा अपनी सोच को भी सकारात्मक रखना चाहिए। - शरीर (हाथ-पैर) में कम्पन पार्किन्सन रोग के कारण:-
- नकारात्मक या निगेटिव सोच।
- किसी प्रकार से दिमाग पर चोट लग जाने पर
इससे मस्तिष्कि के ब्रेन पोस्टर कंट्रोल करने वाले हिस्से में डैमेज हो जाता है। - कुछ प्रकार की औषधियां जो मानसिक रोगों में प्रयुक्त होती हैं, अधिक नींद लाने वाली दवाइयों का सेवन तथा एन्टी डिप्रेसिव दवाइयों का सेवन करने से भी पार्किन्सन रोग हो जाता है।
- अधिक धूम्रपान करने, तम्बाकू का सेवन करने, फास्ट-फूड का सेवन करने, शराब, प्रदूषण तथा नशीली दवाईयों का सेवन करने के कारण भी पार्किन्सन रोग हो जाता है।
- शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाने के कारण भी पार्किन्सन रोग हो जाता है।
- तरह तरह के इन्फेक्शन-मस्तिष्क में वायरस के इन्फेक्शन (एन्सेफेलाइटिस)।
- मस्तिष्क तक खून पहुंचाने वाले नलियों का अवरुद्ध होना।
(8). मैंगनीज की विषाक्तता।
हाथ पांव कांपने का घरेलु उपचार…
यदि आपको मानसिक तनाव और टेंशन के कारण हाथ कांपने की शिकायत है तो आज से ही इन चाय का सेवन करना शुरू कर दीजिये।
तगार की जड़ नर्व और दिमाग को शांत करने वाले और अनिद्रा दूर करने वाले गुण होते हैं। तगार की अड़ की चाय रोजाना दिन में 2-3 बार पीने से हाथ पांव काम्पने में काफी आराम मिलता है।
विटामिन बी की कमी होने से भी कम्पन और दिमाग के कार्यों में बाधा पड़ने की समस्या हो सकती है इसलिए जरुरी सप्लीमेंट लीजिये साथ ही फल, सब्जियां, दाल, बीन्स, अंडा आदि से जरुरी विटामिन्स और मिनरल्स प्राप्त कीजिये।
ध्यान और योग के साथ अपने दिन की शुरुआत कीजिये क्योंकि इससे आपका दिमाग रिलैक्स होगा और मानसिक तनाव, अनिद्रा की परेशानी दूर होगी!
इनसे रहें दूरः- शराब, मैदा, शुगर से दूर रहें, क्योंकि शुगर आपके खून में ग्लूकोस के स्टार को असंतुलित करते हैं जिससे आपके शरीर में कम्पन की समस्या पैदा होती है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर आपको हाथों में कंपन महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर को दिखाएं, जिसमें ये स्थितियां शामिल हैं…
अगर यह समय के साथ-साथ बद से बदतर होती जा रही है।
आराम करने के दौरान बदतर और कुछ काम करने के दौरान ठीक हो जाती है।
किसी अन्य सिंड्रोम के साथ होती है, जैसे सिरदर्द, कमजोरी, असामान्य रूप से जीभ हिलना, मांसपेशियों में खिंचाव, या अन्य गति जिनको आप नियंत्रित नहीं कर सकते। यदि आपकी रोजाना की गतिविधियों को प्रभावित कर रही हैं।
हाथों में कंपकपी की समस्या में ये खाएं…
इसलिए जिन लोगों को हाथों में कंपकपी की समस्या है, उनके लिए एक अच्छा संतुलित आहार आवश्यक है। जिसके तहत उन्हें खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, मांस, दूध के उत्पाद, नट (बादाम, सुपारी आदि), दाल, खाने चाहिए।
अन्य उपाय:-
- जटामांसी:- हाथ-पैर कांपने पर या किसी दूसरे अंग के अपने आप हिलने पर जटामांसी का काढ़ा 2 चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करना चाहिए।
- लहसुन:-
शरीर का कम्पन दूर करने के लिए बायविडंग एवं लहसुन के रस को पकाकर सेवन करने से रोगी को लाभ मिलता है। लहसुन के रस से शरीर पर मालिश करने से रोगी का कंपन दूर होता है। 4 जावा (कली) लहसुन छिलका हटाकर पीस लें। इसे गाय के दूध में मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से कम्पन के रोगी का रोग ठीक हो जाता है। - ध्यान व योगा:-
इस समस्या से बचने के आसान उपचार है की आप नियमित सुबह उठ कर ध्यान व योगा करें, ऐसा करने से आपके दिमाग को रिलैक्स रहने में मदद मिलती है, साथ ही मानसिक तनाव व् अनिंद्रा की समस्या से भी राहत मिलती है, और आपको शाम के समय भी पार्क आदि में वॉक या जॉगिंग के लिए जरूर जाना चाहिए।
वैसे तो इन उपायों को अपनाने से ठीक हो जाना चाहिए, लेकिन फिर भी न ठीक होने पर सम्पर्क कर सकते हैं।
Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar aapdeepak.hdr@gmail.com
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