देवभूमि उत्तराखंड में बहुतायत में संत समाज निवास करता है। कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि कुछ लोग साधु-संतों का भेष धारण कर सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं। जिसको देखते हुए अब उत्तराखंड सरकार ने इस तरह के फर्जी भेषधारियों के खिलाफ ऑपरेशन ‘कालनेमि’ शुरू करने का बड़ा फैसला लिया है। जिसके लिए सीएम धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दे दिए हैं।

उत्तराखंड के हरिद्वार-ऋषिकेश समेत कई जगहों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों, खासकर महिलाओं को ठगने का काम कर रहे हैं। इससे ना सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। जिसको देखते हुए सीएम धामी ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी धर्म का व्यक्ति यदि ऐसे काम करता हुआ मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिला है कि असुर ‘कालनेमि’ ने साधु का भेष धारण कर भ्रमित करने का प्रयास किया था। उसी तरह आज समाज में कई ‘कालनेमि’ सक्रिय हैं, जो धार्मिक भेष धारण कर अपराध कर रहे हैं। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार जनभावनाओं, सनातन संस्कृति की गरिमा की रक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि तीर्थनगरी हरिद्वार में भी बड़ी संख्या में कालनेमियों का निवास है, जहां सरकार के ही मंत्री, नेता, अधिकारी और संतरी तक आकर माथा टेकते हैं। जिन पर गंभीर धाराओं में कई मुकदमें दर्ज हैं। ऐसे में इस आपरेशन की सफलता संदेह के घेरे में है। यदि सरकार ईमानदारी के साथ इस आपरेशन को चलाए तो काफी बड़ी संख्या में कालनेमियों के काले कारनामे उजागर हो सकते हैं और जनता को काफी राहत मिलने के साथ कालनेमियों के कारण पतन की ओर बढ़ रहे धर्म को भी बल मिल सकता है।