अधिकारियों की हठधर्मिताः शमशान में बन गए मकान, अब तुम्हारी भूमि पर बनेगा शमशान!

हरिद्वार। सरकारी अधिकारी नीजि भूमि को जबरन शमशान की भूमि बनाने पर आमादा हैं। तीन बार भूमि की नाप करने के बाद भी अधिकारी निर्णय पर पहुंचने के बाद भी नहीं पहुंच पा रहंे हैं। जिस कारण से भूमि स्वामी का जानबूझकर मानसिंक शोषण किया जा रहा है। अब भूमि स्वामी ने अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय जाने का मन बना लिया है।


बता दें कि कनखल निवासी किराना व्यवसायी रामप्रकाश गोयल का मिस्सरपुर गांव मंे एक भूखण्ड है। जिसका रकबा जमालपुर में लगता है। जिसे उन्होंने करीब दो दशक पूर्व क्रय किया था। जिसका दाखिल खारिज भी उन्होंने करा लिया। बावजूद इसके अब अधिकारी उक्त भूखण्ड को जबरन शमशान की भूमि बनाने पर आमादा हो रखे हैं।


रामप्रकाश के मुताबिक उनके भूखण्ड पर जबरन विवाद उत्पन्न किया गया है। उक्त भूमि की पैमाईश पटवारी व अन्य अधिकारी तीन बार कर चुके हैं। जिसमें उन्होंने माना कि उनका भूखण्ड शमशान की भूमि में नहीं है। दूसरी बार अधिकारियों ने भूमि की पैमाईश करने के बाद बताया कि उनकी भूमि शमशान में नहीं आती। जिस भूमि पर शमशान घाट था उस पर लोगों द्वारा मकान बना लिए गए हैं। अब तुम्हारी ही भूमि खाली पड़ी है, जिस पर शमशान बनाया जाएगा। इसके बाद फिर भूमि की पैमाईश की गई। बकौल रामप्रकाश आए दिन पटवारी व अन्य उन्हें फोन कर परेशान करने का काम कर रहे हैंं। हर बार भूमि की फिर से पैमाईश करने की बात कही जाती है। बताया कि विगत सप्ताह भी उनके पास भूमि की पैमाईश करने के लिए पटवारी का फोन आया। जिस पर उन्होंने कार्यालय जाकर कह दिया की जैसे भूमि की पैमाईश करनी है कर लें, वह अब इस मामले को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। जिस पर पटवारी ने टका सा जवाब दिया कि आप कहीं भी चले जाओ मामला तो हमारे यहां से ही निपटेगा।


रामप्रकाश का कहना है कि जब तीन बार भूमि की पैमाईश की जा चुकी है और अधिकारी एक बार उनकी भूमि को शमशान से बाहर बता रहे हैं तथा दूसरी बार शमशान की वास्तविक भूमि पर अन्य लोगों द्वारा मकान बना लेने की बात कर रहे हैं तो इस मामले में निर्णय क्यों नहीं कर रहे हैं। उनके मुताबिक पटवारी जानबूझकर उन्हें परेशान करने का काम कर रहे हैं और मामले को उनके स्तर पर ही निपटा लेने का दवाब बना रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाएंगे और परेशान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करेंगे। उनका कहना है कि यदि उनकी भूमि शमशान घाट में आती है तो तहसील अधिकारियों ने क्यों उसे दाखिल खारिज किया। क्यों तीन बार भूमि की पैमाईश करने केे बाद वे निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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