हरिद्वार। भारतीय प्राच्च विद्या सोसाइटी कनखल के संस्थापक ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि मां दुर्गा की उपासना के दिन अश्विन शारदीय नवरात्र रविवार से आरम्भ हो रहे हैं। इस बार भगवती सिंह पर सवार होकर आएंगी। जिस कारण से यह वर्ष क्षत्रियों खासकर सेना, पुलिस के लिए कष्टकारी होगा।वैसे तो पूरे वर्ष में चार नवरात्र होते हैं, जिनमें दो गुप्त होते हैं व दो नवरात्र सभी लोग करते हैं। जो चैत्र व अश्विन मास में आते हैं। इंन सभी में शरदीय नवरात्र बहुत ही फलदाई होते हैं।
रविवार से प्रारंभ होने वाले नवरात्रों में कलश की स्थापना का मुहूर्त 10. 25 प्रात से 11.25 तक होगा, इसमें वृश्चिक लगन होगा, जो कलश स्थापना का स्थिर लग्न का मुहूर्त होगा। बताया कि रविवार को 11.45 से 12.25 दोपहर तक अभिजित मूहर्त होगा ये भी बहुत शुभ कहा गया है। इस बार नवरात्र पूरे हैं, कोई भी तिथि कम या अधिक नहीं है। इसलिए इन नवरात्रों में शक्ति पूजा विशेष प्रभावी होगी।
बताया कि जिनका सूर्य कमजोर है, वह पहले नवरात्र को व्रत करें, जिनका चंद्रमा सही नही है वह दूसरे ववरात्र का व्रत करें, मंगल खराब वाले तीसरे नवरात्र का, बुध खराब वाले चतुर्थ, गुरु खराब वाले पंचम, शुक्र खराब वाले षष्ठ, शनि खराब वाले सप्तम, राहु खराब वाले आठवें तथा जिनका केतु खराब हो या केतु की दशा हो वो नवम नवरात्र का व्रत करें। सभी प्रकार की सफलता के लिए नव दिन व्रत करंे। बताया कि 24 अक्टूबर को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। होगा। 22 अक्टूबर को महा अष्टमी व 23 अक्टूबर को नवमी तिथि होगी।