नरसिंहानंद गिरी की सुरक्षा के लिये मिला हठयोगी महाराज का समर्थन

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज अपने धर्म के लिये लड़ रहे हैं: हठयोगी

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद ने यति संन्यासियों को मिलने से इन्कार किया

हरिद्वार। अपने गुरु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के लिये जेड प्लस सुरक्षा के लिये पदयात्रा करते हुए हस्ताक्षर अभियान चला रहे यति सन्यासियों को आज हरिद्वार में कई खट्टे मीठे अनुभव हुए।एक तरह हठयोगी महाराज ने खुल कर यति सन्यासियों का समर्थन किया तो दूसरी ओर निरंजनी अखाडे के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज ने यति संन्यासियों को बहुत देर इंतजार करवा कर मिलने से इंकार कर दिया।
स्वामी कैलाशानंद का यह व्यवहार कोई अप्रत्याशित नहीं था क्योंकि जिस तरह पर कैलाशानंद जी अपने आश्रम में इस्लामिक जिहादियों के सबसे बड़े संरक्षक जमीयते उलेमा हिन्द के सदर मदनी का स्वागत कर चुके हैं, उसका महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी खुल कर विरोध कर चुके हैं।
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज जिस तरह से इस्लामिक जिहादियों से सम्बंध रखने पर राजनैतिक हस्तियों सहित कई सन्तो की आलोचना कर चुके हैं, उससे उनके शिष्यों को कोई विशेष समर्थन मिलने की कोई आशा हरिद्वार में नहीं दिखाई दे रही है। फिर भी यति सन्यासी हार नहीं मान रहे हैं बल्कि उनका कहना मानना है कि आज यह बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिये कि इस्लामिक जिहाद से इस लड़ाई में कौन किस तरफ है।
यति संन्यासियों का नेतृत्व कर रहे यति रामस्वरूपानंद महाराज ने सभी सन्तो से अनुरोध किया कि सभी संत एकमत से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की सुरक्षा के मुद्दे पर एकमत होने का प्रयास करें क्योकि जो कुछ आज महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के साथ हो रहा है, वो देर सवेर सभी के साथ होगा।अतः संत समाज को इस मुद्दे पर मुखर होकर खड़ा होना चाहिये।


हठयोगी महाराज ने यति सन्यासियों को हर तरह का समर्थन देते हुए कहा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा करना सन्तो का ही दायित्व है।महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज हमारे धर्म और संस्कृति के लिये लड़ रहे हैं। हम हर तरह से उनके साथ हैं।
उन्होंने जूना अखाड़ा सहित सभी सन्तो से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का समर्थन करने का आह्वान किया।

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