हमास मानव विनाश की विचारधारा का एक अंगः नरसिंहानंद गिरी

नरसिंहानंद गिरी महाराज ने छड़ी पूजा कर इस्लामिक जिहाद के समूल विनाश की कामना की


शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने अपने शिष्यों यति सत्यदेवानंद व यति रणसिंहानंद के साथ ऋषिकेश में माँ गंगा के दत्त घाट पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की छड़ी यात्रा का स्वागत किया और जगद्जननी माँ जगदम्बा व देवाधिदेव भगवान महादेव शिव से इस्लाम के जिहाद और जिहादियों के समूल विनाश की कामना की।

इस अवसर पर उपस्थित सन्तांे,श्रद्धालुओं और पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि छड़ी यात्रा सनातन धर्म की रक्षा और सनातनियों की खुशहाली के लिये की जाती है। खुशहाली व समृद्धि शांति से आती है और शांति काल के लिये दुष्टों का विनाश करना ही पड़ता है।
उन्होंने कहा कि आज सम्पूर्ण मानवता को सबसे ज्यादा खतरा इस्लाम के जिहाद से है। आज हर व्यक्ति को अपने इष्ट देवता से इस्लाम के जिहाद और जिहादियों के समूल विनाश की कामना करनी ही चाहिये। आज दुनिया के हर गैर मुस्लिम को समझना चाहिए की इस्लाम का जिहाद किसी व्यक्ति या समूह विशेष का नहीं अपितु सम्पूर्ण मानवता का शत्रु है। अगर इस्लाम के जिहाद और जिहादियों को नहीं मिटाया गया तो आगामी कुछ ही वर्षों में सम्पूर्ण मानवता का विनाश हो जाएगा।


उन्होंने इजरायल के बच्चों, महिलाओं, सैनिको और वृद्ध नागरिकों पर हमास के द्वारा 7 अक्टूबर को किये गए राक्षसी अत्याचार का वर्णन करते हुए कहा कि आज सभ्य विश्व को हमास को केवल एक संगठन नहीं मानने की भूल नहीं करनी चाहिये, बल्कि यह समझना चाहिये कि हमास कोई संगठन नहीं अपितु मानव विनाश की विचारधारा जिसे इसलाम का जिहाफ कहते हैं, उसका एक छोटा सा अंग है। इसलिये दुनिया को केवल हमास से नहिअपितु सम्पूर्ण इस्लामिक जिहाद और जिहादियों जो समाप्त करना है।

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