हरिद्वार। आज सर्वानन्द घाट से उठते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने हरिद्वार जेल में बंद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को एक पत्र लिखवा कर उनसे उन्हें जेल से ना छूटा पाने के लिये क्षमा मांगी और उन्हें उनके सम्मान की रक्षा के लिये अंतिम सांस तक लड़ने का वचन दिया।
योगी ज्ञाननाथ, यति सत्यदेवानंद, स्वामी श्यामचैतन्य, स्वामी संतराम, स्वामी रामानंद सरस्वती तथा अन्य की उपस्थिति में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि की ओर से स्वामी अमृतानंद ने यह पत्र लिखा और डाक के माध्यम से यह पत्र जेल भेजा।
पत्र भेजते समय महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने सभी हिन्दुआंे का आह्वान करते हुए कहा कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी वर्तमान समय में मानवता की रक्षा करने वाले सबसे बड़े वैचारिक योद्धा हैं। उन्होंने मुस्लिम होते हुए भी श्रीराम की जन्मभूमि और हेल्पलेस जैसी फिल्में बनाकर और इस्लाम व मोहम्मद की सच्चाई सारी दुनिया के सामने लाकर सनातन धर्म व मानवता की अभूतपूर्व सेवा की है। उन्होंने वो सच सारी दुनिया को बताया जो सनातन के धर्माचार्यों को बताना था। कुछ ज्ञात अज्ञात कारणों से सनातन के धर्माचार्य यह कार्य नहीं कर सके और इसी कारण भारत राष्ट्र और सनातन धर्म को हजार साल तक विकट अत्याचार सहन करने पड़े। उन्होंने कहाकि इस्लाम के जिहादियों ने षड्यंत्र करके उन्हें सच बोलने की सजा दी है। आज सारे हिन्दुओ का कर्तव्य है कि उनके लिये आवाज उठायें। कहाकि अगर हिन्दू समाज उनके लिये आवाज नहीं उठाता तो हिन्दुओं को सर्वनाश के लिये तैयार रहना चाहिये।
इस अवसर पर स्वामी अमृतानंद ने कहा कि जितेंद्र त्यागी की रिहाई के लिये सर्वानन्द घाट से गांधी की समाधि तक होने वाली पदयात्रा में बहुत बड़ी संख्या में हिन्दू सम्मिलित होना चाहते हैं, परन्तु हम यात्रा केवल सन्यासियों के साथ करेंगे। इसका कारण यह है की यह यात्रा कई जगह से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से निकलेगी। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में यात्रा पर हमला जरूर किया जाएगा। उस समय अगर हमारे साथ हिन्दू कार्यकर्ता हुए तो पुलिस प्रशासन हमे झूठे मुकदमे लगाकर जेल भेज सकता है, जो कि अब हम नहीं चाहते। हम गांधी की प्रतिमा तक बिना किसी शस्त्र के बिल्कुल गांधीवादी तरीके से जाएंगे।