मानवता की रक्षा करना धर्मगुरुओं का दायित्वः नरसिंहानंद गिरि
हरिद्वार। भूपतवाला स्थित वेद निकेतन धाम में हिन्दू स्वाभिमान के तत्वाधान में तीन दिवसीय धर्म संसद का आज शुभारंभ हुआ।
धर्म संसद आरम्भ करने से पहले विजय और सदबुद्धि की देवी मां बगलामुखी महायज्ञ किया गया और उनसे सनातन की विजय और धर्म संसद की सफलता की कामना की गई।
धर्म संसद का शुभारंभ स्वामिनारायण सम्प्रदाय के वरिष्ठ संत स्वामी हरिवल्लभदास, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद, स्वामी आनंद स्वरूप, महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया।
धर्म संसद के शुभारंभ में धर्म संसद के उद्देश्यों को बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि आज घटते हुए हिन्दू जनसंख्या अनुपात ने तय कर दिया है कि जिस तरह से भारतवर्ष में तथा सम्पूर्ण विश्व में हिन्दुओ की जनसंख्या का अनुपात घट रहा है, ये सम्पूर्ण विश्व के लिये चिंता का विषय होना चाहिए। हालात ये हैं कि 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान होगा। अगर ऐसा हुआ तो केवल अगले बीस वर्षों में 40 प्रतिशत हिन्दुओ का कत्ल हो जाएगा। 50 प्रतिशत हिन्दू धर्म परिवर्तन करके मुसलमान बन जायेंगे और बचे हुए 10 प्रतिशत हिन्दू या तो शरणार्थी शिविर में रहेंगे या विदेशों में रहेंगे जो कि धीरे धीरे समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहाकि भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान होने का अर्थ अपनी अंतिम शरणस्थली में सनातन का सम्पूर्ण विनाश होगा। सनातन धर्म को समाप्त करने के बाद इस्लाम का जिहाद पूरी मानवता को समाप्त करने की शक्ति अर्जित कर लेगा। उसके बाद इस्लाम का जिहाद पूरी दुनिया के हर गैर मुस्लिम के घर तक जरूर पहुंचेगा और सारी मानवता को समाप्त कर देगा। इस समस्या पर विचार करके इसका समाधान खोजने के लिए ही यह धर्म संसद आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा की सनातन धर्म का अर्थ ही मानवता की रक्षा करना है। यह सनातन के धर्म गुरुओं का दायित्व है कि वो मानवता की रक्षा के लिए इस्लाम के जिहाद से महायुद्ध का वैचारिक नेतृत्व करें।
धर्म संसद में देश के कोने-कोने से आये संतो और सौ से ज्यादा संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


मां बगलामुखी महायज्ञ के साथ आरम्भ हुआ तीन दिवसीय धर्म संसद
