हरिद्वार। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी व काली चौदस कहते हैं। इस वर्ष नरक चतुर्दशी व दीपावली दोनों एक ही दिन 24 अक्टूबर को मनाए जाएंगे। हालांकि अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को भी रहेगी, किन्तु 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने तथा सांयकाल अमावस्या तिथि समाप्त हो जाने के कारण 24 अक्टूबर को ही छोटी व बड़ी दीपावली एक साथ मनाए जाएंगे। शास्त्रों में कहा गया है कि नरक चतुर्दशी जिसे काली चौदस के नाम से भी जाना जाता हैं, इस दिन मुख्य द्वार के पास दीपक जलाना चाहिए, ताकि सुख-समृद्धि बनी रहे। इस दिन यमदेव की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही करवा चौथ के करवे के जल से स्नान करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस दिन करवे के जल से स्नान करने से पापों का क्षय हो जाता है।
नरक चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे छोटी दिवाली व काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी कहते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन मुख्य द्वार के पास दीपक जलाना चाहिए, ताकि सुख-समृद्धि बनी रहे। इस दिन यमदेव की पूजा करनी चाहिए। वहीं उनके नाम का दीपक दान करना चाहिए।
नरक चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ 23 अक्टूबर रविवार, सायं 06.03 मिनट पर होगी, जबकि चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 24 अक्टूबर सोमवार सायं 05.27 मिनट पर होगी। काली चौदस पर मां काली की रात ही में पूजा करने का विधान है, इसलिए देवी की उपासना 23 अक्टूबर को मध्यरात्रि में ही मान्य है।
काली चौदस मुहूर्त
23 अक्टूबर रविवार रात्रि 11.46 से 24 अक्टूबर सोमवार प्रातः 12. 37 तक रहेगा।