मुल्तानी मिट्टी से पाएं आरोग्य, जाने कैसे

हमारे शरीर के पांच तत्वों में एक है मिट्टी। मुल्तानी मिट्टी प्रयोग के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। यह पाकिस्तान के इलाके मुल्तान में बहुतायत से पायी जाती है। यह हलके पीले रंग की एकदम चिकनी होती है और ढेले के रूप में मिलती है। इसमें सिलिका कम और लाइम स्टोन ज्यादा रहता है। उत्तर भारत में तो वाकई में यह सस्ते में आसानी से मिल जाती है। अयूर आदि कंपनिया इसे पैकेट बनाकर बेचती हैं। अगर इसे कूट कर हल्दी के साथ मिलकर प्रयोग किया जाए तो झाइयां व मुहांसे दूर होते हैं और त्वचा कांतिमय बन जाती है।

रोज-रोज साबुन लगाने से शरीर के मित्र जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, साथ ही देह की कुदरती मानुष गंध-फेरोमोंन का भी सफाया हो जाता है, जो लोगों में परस्पर जैव रासायनिक संचार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण जरिया होता है। मनुष्य के पारस्परिक व्यवहार, आक्रामकता, प्रेम सबंध आदि के निर्धारण, नियमन में फेरोमोंन की बड़ी भूमिका है। इसलिए कुदरती मुल्तानी मिटटी से स्नान करें, जो मित्र कीटाणु और शरीर की गंध दोनों बचाती है।

गर्मियों में होने वाली घमौरियों के उपचार में मुल्तानी मिट्टी अचूक औषधि है।

शरीर पर इसका पतला-पतला लेप खून की गर्मी को कम करता है। तेज बुखार में तापमान तुरंत नीचे लाने के लिये सारे शरीर पर इसका मोटा-मोटा लेप करना चाहिए।

अगर आप महंगे-महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट, शैम्पू, ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करते हुए थक चुकी हैं, फिर भी आपको कोई फायदा नहीं हुआ है तो एक बार मुल्तानी मिट्टी जरूर इस्तेमाल करके देखें।

ये नेचुरल कंडीशनर भी है और ब्लीच भी। ये सौन्दर्य निखारने का सबसे सस्ता और आयुर्वेदिक नुस्खा है।

मुल्तानी मिट्टी सभी फेस पैक का बेस होती है। चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाने से रंगत निखरती है।

बालों में लगाने से वे घने, मुलायम और काले हो जाते हैं।

मुहांसों की समस्या से परेशान लोगों के लिए तो मुल्तानी मिट्टी सबसे कारगर इलाज है, क्योंकि मुल्तानी मिट्टी चेहरे का तेल सोख लेती है, जिससे मुहांसे सूख जाते हैं।

मुंहासों के दाग घटाने लिए मुल्तानी मिट्टी में नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और चेहरे के दाग-धब्बों पर लगाएं। 15 दिनों में ही असर दिखेगा।

धूप में झुलसी त्वचा को ठीक करने के लिए मुल्तानी मिट्टी को गुलाब जल या टमाटर के रस में मिला कर लगाएं।

मुल्तानी मिट्टी में, सूखे संतरे के छिलकों का पाउडर, जई का आटा मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। इस पैक को रोज लगाने से रोम छिद्र साफ होते हैं और मुंहासे नहीं होते।

मुल्तानी मिट्टी को खट्टे छाछ में घोल कर उससे बाल धोने से रूखापन गायब हो जाएगा और बालों में चमक आ जायेगी।

100 ग्राम मुल्तानी मिट्टी को एक कटोरे पानी में भिगो दें। दो घन्टे बाद जब मुल्तानी मिट्टी पूरी तरह घुल जाये तो इस घोल को सूखे बालों में लगा कर हल्के हाथ से बालों को रगड़े। पाँच मिनट तक ऐसा ही करें। अगर बालों मे ज्यादा गंदगी मौजूद है, तो इस क्रिया को दोबारा फिर करें। हफ्ते में दो बार इस क्रिया को करने से बालों में बहुत ज्यादा निखार आ जाता है। बाल लम्बे, रेशमी और मुलायम हो जाते हैं। इस क्रिया को करने के बाद सिर में हल्केपन के साथ शीतलता का अहसास होता है। ऐसी शीतलता किसी भी शैम्पू में नहीं मिल सकती है।

रोजाना मुल्तानी मिट्टी से बाल धोने पर बाल झडना कम हो जाएंगे।

धूप में त्वचा की रंगत काली होने पर इसमें सुधार के लिए मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल एंटी टैनिंग एजेंट के तौर पर करें। मुल्तानी मिट्टी का लेप न सिर्फ त्वचा को राहत पहुंचाता है, बल्कि टैन हुई त्वचा को साफ बनाता है।

आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। फिर इसे लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह ऑयली त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है।

तैलीय त्वचा के लिए मुल्तानी मिट्टी में दही और पुदीने की पत्तियों का पाउडर मिला कर उसे आधे घंटे तक रखा रहने दें, फिर अच्छे से मिला कर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। सूखने पर हल्के गर्म पानी से धो दें। ये तैलीय त्वचा को चिकनाई रहित रखने का कारगर नुस्खा है।

अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें।

रूखी त्वचा पर मुल्तानी मिट्टी में चन्दन पाउडर या कैलामाइन पाउडर मिला कर लगाएं, इससे चेहरे की नमी बनी रहेगी।

बडे से बडे फोडे़ पर मिट्टी की पट्टी चढ़ाने से, विद्रावक शक्ति के कारण वह उसे पकाकर निचोड़ देती है एवं घाव भी बहुत जल्दी भर देती है।

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