स्वामी अवधेशानंद गिरि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व केंद्रीय मंत्री निशंक और शाहनवाज हुसैन भी दाह संस्कार में शामिल हुए
हरिद्वार। सारण से सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी की माता जी का आज कनखल में पूर्ण विधि विधान के अनुसार दाह संस्कार किया गया। वे 88 वर्ष की थी। पिछले कई दिनों से वह अस्वस्थ चल रही थी और दिल्ली के मैक्स अस्पताल में चिकित्सारत थी। वह सांसद रुडी के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर ही उनके साथ रहती थी। उन्होंने 25 सितम्बर को मैक्स अस्पताल में ही सुबह के 11.59 बजे अंतिम सांस ली थी।

सोमवार को उनकी पार्थिव देह कनखल शमशान घाट लाई गई, जहां वैदिक विधि विधान के अनुसार उनका दाह संस्कार किया गया। उनकी पार्थिव देह को उनके ज्येष्ठ पुत्र रणधीर प्रताप सिंह ने मुखाग्नि दी।
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने स्वयं उपस्थित हो पूरे विधि विधान से दाह संस्कार की विधि को करवाया।
बता दें कि राजीव प्रताप रुडी की माता प्रभा सिंह जी अत्यंत धर्मपरायण महिला थी। उनका जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के हरिहर आश्रम, हरिद्वार वे भारत माता मंदिर से गहरा लगाव था। वे उक्त दोनों स्थानों की वरिष्ठ साधिका भी थी और जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के आश्रम में नियमित आती-जाती रहती थी। स्वामी अवधेशानंद गिरि भी उनको अपनी माता समान ही मानते थे। यही कारण है कि उनकी अस्वस्थता की जानकारी मिलते ही उन्होंने उनके स्वास्थ्य की पल-पल की जानकारी ली।
राजीव प्रताप रूडी के पिता का देहांत तभी हो गया था जब रुडी मात्र 7 वर्ष के थे। प्रभा सिंह जी के तीन पुत्र और दो पुत्रियों का पालन-पोषण की जिम्मेदारी उन्होंने ही पति के निधन के बाद उठायी, लेकिन वह अपने कर्तव्यपथ से विमुख नहीं हुई। पिता की तरह अनुशासन और माता का लाड़-प्यार उन्होंने बच्चों को दिया। उनकी इच्छा थी कि उनके निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में हो। सोमवार को हरिद्वार के कनखल में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। प्रभा सिंह जी अपने पीछे पांच पुत्र-पुत्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गई हैं, जिसमें बड़े पुत्र रणधीर प्रताप सिंह, पुत्री चित्रा सिंह, रेखा सिंह, पुत्र सुधीर प्रताप सिंह और सबसे छोटे पुत्र राजीव प्रताप रुडी है। सांसद रुडी की माता जी धर्मपरायणता, अनुशासन, सदाचारिता, परोपकारिता, कर्तव्यपरायणता, सामाजिकता और समरसभाव जैसे सद्गुणों की प्रतिमूर्ति थी।
सांसद रुडी ने कहा कि जन्म देकर मुझे कर्म का पाठ पढ़ाने वाली माँ आज चिरनिद्रा में सो गई हैं। मेरी माँ साधारण गृहणी होकर असाधारण मातृत्व की प्रतिमूर्ति थी। हमारे भाई-बहनों के बाल्यकाल में ही पिता का देहावसान हो गया था पर, माँ ने ही हमें पितृत्व का भी अनुशासन-पाठ पढ़ाया। हम सभी भाई-बहनांे की समस्त जिम्मेदारी इस सहज भाव से मां उठाती रही कि कभी पिता की अनुपस्थिति का भान नहीं होने दिया। अब तक उनके अभिभावकत्व में ही हम सब पल्लवित-पुष्पित होते रहे। वह सदा-सर्वदा हमारे हृदय में रहेंगी।
इस अवसर पर जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा नेता राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन, हरिद्वार सांसद डा. रमंेश पोखरियाल निशंक, विधायक मदन कौशिक, भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय सहगल, पूर्व राज्यमंत्री पंकज सहगल समेत अनेक गणमान्य लोगांे ने स्व. प्रभा सिंह जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कई अन्य साधू संत भी उपस्थित हुए।


