हरिद्वार। पौराणिक तीर्थनगरी हरिद्वार में जहां समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें गिरी थी और यह पावन नगरी अमृत की बूंदें गिरने के कारण कुंभनगरी बनी। वहीं 51 शक्ति पीठों में से एक मां मायादेवी, जो हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी है, के कारण इस नगरी में अद्भूत शक्ति का संचार हुआ। वहीं कल-कल निनाद कर बहती मां गंगा ने सभी को सुख प्रदान किया। गंगा के कल-कल निनाद में जहां कभी कबीर के दोहे, रसखान के छंद और तुलसी बाबा की मानस की चौपाईयों की ध्वनि सुनायी देती थी, उसी तीर्थनगरी में अब शोर सुनायी देता है। शोर भी ऐसा की मानो मां गंगा अपनी इस पौराणिक नगरी की दुर्दशा पर रूदन कर रही हो।

जिस पौराणिक नगरी हरिद्वार में व्यक्ति इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए रात्रि में विश्राम करना भी उचित नहीं समझते थे, उसी नगरी में आज पापाचार चरम पर है। इतना ही नहीं घृणित राजनीति के कारण तीर्थनगरी का स्वरूप बदल चुका है। तीर्थनगरी की गरिमा, मर्यादा और शांति भंग होने पर आज का युवा समाज भी आहत है। तीर्थनगरी की दुर्दशा से आहत युवा आर्यन सम्राट का दुःख तीर्थनगरी की दुर्दशा पर प्रस्फुटित हो गया।
आर्यन सम्राट का कहना है कि आधा किलो मिठाई, एक कफन का टुकड़ा और नशे के कुछ सामान में चुनाव का रूख बदलने वाले लोग भी तीर्थनगरी की इस दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे लोगों को उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि जरा सोचो की 25 वर्षों में आपको और आपके बच्चों को क्या मिला, केवल नशा और बेरोजगारी। जबकि आपके सहारे कुर्सी पाने वाले लोगों ने हजारों करोड़ रुपये अंदर कर लिए। ऐसा व्यक्ति क्या समाज का भला कर सकता है। बल्कि आपके बच्चों के भविष्य के साथ ऐसा व्यक्ति खिलवाड़ कर रहा है।
जरा सोचिए की विकास के नाम पर आज भी स्कूलों की छतें टूटी हुई हैं। सड़कों का हाल बुरा है। बीते 25 वर्षों में रानीपुर मोड़ व अन्य क्षेत्रों में चली आ रही जलभराव की समस्या का आज तक समाधान नहीं हो पाया, जबकि जल निकासी के लिए कितनी योजनाएं बनी और कितना पैसा खर्च किया गया, किन्तु स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है। क्या ऐसा ही विकास होता है।
उन्होंने आमजन का आवाह्न करते हुए कहाकि जब 25 वर्षों में शहर को कुछ नहीं मिला तो क्यों न जनता बदलाव की बहार लेकर आए। अपने तुच्छ स्वार्थों का त्याग कर अपने व अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की यदि आप नींव रखना चाहते हैं तो आपको बदलाव की बयार लानी ही होगी। अन्यथा शहर यूं ही नशाखोरी, बेरोजगारी और अपराधों के शिकंजे में कसा रहेगा।