आनन्द गिरि की जांच, तो गुरु पर लगे आरोपों की जांच क्यों नहींः मोहन गिरि

विद्यार्थियों व भाईयों के नाम पर करोड़ों की सम्पत्ति बनाने का आरोप
हरिद्वार।
महंत मोहन गिरि महाराज ने निरंजनी अखाड़े से निष्कासित किए गए स्वामी आनन्द गिरि द्वारा अपने गुरु श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि पर लगे आरोपों की जांच की मांग की है। उन्होंने कहाकि जब आनन्द गिरि को परिवार से संबंध रखने के आरोप में अखाड़े से निष्कासित किया जा सकता है तो परिवार वालों की मदद करने वालों को क्यों नहीं।
उन्होंने कहाकि आनन्द गिरि का आरोप है कि श्रीमहंत नरेन्द्र गिरि वर्ष 2012 में बाघम्बरी गद्दी की प्रयागराज के अल्लापुर स्थित 8 बीघा जमीन सपा के तत्कालीन विधायक को 40 करोड़ में बेची थी। वहां आज फ्लेट खड़े हुए हैं। स्वामी मोहन गिरि ने कहाकि आनन्द गिरि ने आरोप लगाया है की उनके गुरु ने अपनी सुरक्षा के लगे सिपाही अजय सिंह व उसकी पत्नी के नाम बाघम्बरी हाउसिंग स्कीम में थ्री बीएसके के दो फ्लेट, झूसी व नारीबारी में कई एकड़ जमीन खरीदी है। विद्यार्थी मनीष शुक्ल के लिए एमपी के रीवा में चार करोड़ का बंगला बनाया गया। उसकी शादी में भी करोड़ो खर्च किए गए। विद्यार्थी शीवेक मिश्र के लिए रीवा के त्योथर तहसील अंतर्गत उनके पैतृक गांव ओझा का पुरवा में चार करोड़ रुपये का आलीशान मकान बनवाने के लिए 22 एकड़ जमीन खरीदी गयी। विद्यार्थी अभिषेक मिश्र के लिए आजमगढ़ के बिशनपुर गांव में छह करोड़ का मकान बनवाने के साथ आठ एकड़ जमीन खरीदी गयी। स्वमी मोहन गिरि ने कहाकि इतना ही नहीं आनन्द गिरि ने उक्त विद्यार्थियों पर मठ की कई लग्जरी गाड़ियों के इनके नाम पर करने का भी आरोप लगाया। इतना ही नहीं अपने गुरु पर उन्होंने मठ की सम्पत्ति अपने भाईयों के नाम पर करने का भी आरोप लगाया है। जिसका विरोध करने पर उसे निष्कासित कर दिया गया। उन्होंने कहाकि एक साधारण साधु को निष्कासित कर दिया जाता है। अखाड़े के पंच परमेश्वर क्या इन आरोपों की भी जांच करेंगे। उन्होंने कहाकि जिस प्रकार से आनन्द गिरि पर लगे आरोपों की जांच की गयी है उसी प्रकार से आनन्द गिरि द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच भी की जानी चाहिए।
बता दें कि गुरु-चेले की इस लड़ाई में कुछ राजनेता व नौकरशाह भी कूद पड़े हैं। जिन्होंने बाघम्बरी मठ की सम्पत्ति की जांच के साथ आशीष गिरि की आत्महत्या मामले में भी जांच की मांग की है।

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