और जब मण्डलेश्वर को थाने में जूते छोड़कर भागना पड़ा

हरिद्वार। संन्यासी को भगवान शिव का गण कहा जाता है। शिव गणों की हरकतों से आमजन मानस परिचित है। उनकी अजग-गजब हरकतें रहती हैं। पुराणों में शिव गणों की लीलाओं का वर्णन विस्तार पूर्वक किया गया है। किन्तु ये उनके लिए है, जो वास्तव में सन्यासी हें।


तीर्थनगरी हरिद्वार संत बाहुल्य नगरी हैं। यहां बड़ी संख्या में संत निवास करते हैं। जिस प्रकार शिव गणों की लीला न्यारी बतायी गयी है। ठीक उसी प्रकार से यहां के कुछ विशिष्ट संतों की लीला भी न्यारी है।


सूत्र बताते हैंं कि यहां के एक मण्डलेश्वर ने चेली की कन्या को ही सेट कर लिया। जिसको लेकर परिजनों से हंगामा किया। मण्डलेश्वर की मण्डलेश्वरी लट्ठ बजाकर उतार दी। मामला थाने पहुंचा।


सूत्रों के मुताबिक मण्डलेश्वर का अपनी चेली पर बहुत विश्वास था और चेली की कन्या उसके कहने में थी। कन्या को लेकर हुए विवाद के बाद मामला थाने जा पहुंचा। जहां मण्डलेश्वर, उसकी चेली व कन्या मौजूद थी। इसी के साथ कन्या के परिजन भी मौजूद थे। जब दोनों पक्षों के बीच विवाद उत्पन्न हुआ उस समय भी पुलिस के जवान घटनास्थल पर मौजूद थे।

जब मामले के संबंध में थानेदार ने चर्चा की तो कन्या अपने बयान से पलट गयी। फिर क्या था मण्डलेश्वर के पैरों तले की जमीन खिसक गयी। मण्डलेश्वर ने आव देखा न ताव अपने को फंसता देख थाने में ही जूते छोड़कर भाग खड़ा हुआ। जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें कन्या पक्ष के लोग मण्डलेश्वर की इज्जत उतारते हुए दिखायी दे रहे हैं।

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