महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज

जयपुर के नर्मदाशंकर पुरी को आचार्य मण्डलेश्वर बनाने के नाम पर ठगा


निरंजनी अखाड़े सें निष्कासित महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। अब उन पर आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर 8 लाख 92 हजार की धोखाधड़ी करने का मामला उज्जैन के महाकाल थाने में दर्ज किया गया है। जयपुर निवासी महामंडलेश्वर नर्मदाशंकर पुरी महाराज ने महाकाल थाने में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज करवाया है।


बता दें कि निरंजनी अखाड़े की निष्कासित महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी के खिलाफ पिछले दिनों महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर मंगलनाथ मार्ग स्थित महामाया आश्रम के महंत सुरेश्वरानंद से 7.50 लाख की ठगी का आरोप लग चुका है। इसके बाद कई संत उनके खिलाफ मैदान में उतरने लगे हैं।


महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर रुपए लेकर धोखाधड़ी करने वाली मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी के खिलाफ अब महाकाल थाना पुलिस में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। जयपुर के महामण्डलेश्वर स्वामी नर्मदाशंकर पुरी महाराज से आचार्य महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर मंदाकिनी पुरी ने उनसे अलग-अलग टुकड़ों में 8.92 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए। मामले में मंदाकिनी पुरी और उनके एक सहयोगी के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।


जबकि मंदाकिनी पुरी स्वंय को पाक साफ बताने के लिए नर्मदाशंकर पुरी महाराज को 8 लाख रुपये उधार देने का आरोप लगा चुकी हैं। इस बावत वह कोई सूबुत पेश नहीं कर पाई, जबकि नर्मदाशंकर पुरी महाराज ने पूरी धनराशि ऑनलाईन मंदाकिनी पुरी को ट्रांसफर की हुई है।


वहीं उज्जैन में एक वर्ष पूर्व उन्हें मण्डलेश्वर बनाने के बाद उन्हें मण्डलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक का कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था। जिसको लेकर नर्मदाशंकर पुरी महाराज कई बार प्रमाण पत्र की मांग कर चुके थे। नर्मदाशंकर पुरी महाराज को ठगी का शिकार बनाने का मामला सामने आने पर अखाड़े ने अब उनका प्रमाणपत्र दिया है।


नर्मदाशंकर पुरी महाराज के अलावा मंदाकिनी पुरी कई अन्य संतों को भी ठग चुकी है। मंदाकिनी पुरी नर्मदाशंकर पुरी महाराज के भक्तों के यहां बिना बताए जाकर भी उनके लाखों रुपये ले चुकी है। अब मंदाकिनी पुरी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *