मोहन गिरि ने आनन्द गिरि के बयान पर की जांच की मांग
हरिद्वार। स्वामी रूद्रानंद गिरि महाराज ने निरंजनी अखाड़े के स्वामी आनन्द गिरि के निष्कासन पर सवाल खड़े करते हुए कहाकि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ये बताएं कि स्वामी आनन्द गिरि का निष्कासन निरंजनी अखाड़े ने किया है या फिर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने। उन्होंने कहाकि अखाड़ा परिषद के लैटर पैड पर निष्कासन पत्र जारी किया गया है। जिसमें केवल अध्यक्ष के हस्ताक्षर हैं। यदि अखाड़ा परिषद का लैटर पैड इस्तेमाल किया गया है तो उसमें महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के हस्ताक्षर क्यों नहीं कराए गए। यदि निष्कासन निरंजनी अखाड़े द्वारा किया गया है तो फिर अखाड़ा परिषद के लैटर पैड का इस्तेमाल क्यों किया गया। उन्होंने कहाकि यदि अखाड़ा परिषद ने स्वामी आनन्द गिरि का निष्कासन किया है तो उसमें और अन्य संतों के नाम क्यों शामिल नहीं किए गए, जिनका अपने परिवार से संबंध है।

उधर निरंजनी अखाड़े के महंत मोहन गिरि महाराज ने निष्कासन के बाद स्वामी आनन्द पुरी उर्फ आनन्द गिरि द्वारा कुछ संतों के गायब होने और उनकी हत्या को आत्महत्या दर्शान के संबंध में दिए गए बयान के संबंध में कहाकि स्वामी आनन्द गिरि का इशारा कहीं महंत आशीष गिरि, धनराज गिरि, रामानदं गिरि व निर्भय पुरी की ओर इशारा तो नहीं है। यदि ऐसा है तो प्रशासन को इस मामले में जांच करनी चाहिए और दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए। जिससे सन्यास परम्परा को कलंकित होने से बचाया जा सके