निरंजनी अखाड़े के पंच की छानबीन सीबीआई से भी तेजः महंत श्याम भारती

केन्द्र सरकार जांच का जिम्मा सीबीआई को छोड़कर निरंजनी अखाड़े को दे
हरिद्वार।
श्री चपलेश्वर महादेव मंदिर नारायण आश्रम मांडवी, कच्छ, गुजरात के महंत श्याम भारती महाराज ने कहाकि श्री निरंजनी अखाड़ा पंचायती के पंच परमेश्वर ने दिगंबर आनंदपुरी उर्फ दिगंबर आनंद गिरी को निष्कासित कर दिया। उसमें दो तीन मुद्दे ऐसे हैं जो समझ से बाहर हैं। पहला आनंद गिरि का पता चला कि घर से संबंध रखता है तो इसकी छानबीन सिर्फ और सिर्फ 39 घंटे में कंप्लीट कैसे हो गई कैसे। 12. 5. 2021 को शाम 8 बजे पंच के हाथ में लेटर पहुंचा और 14 मई की 11 बजे सुबह आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया। तो बीच का समय बचता है 39 घंटे। उन्होंने कहाकि ऐसी कौन सी छानबीन हुई जो 39 घंटे में समिति छानबीन करके आ गई। ऐसा कौन सा एरोप्लेन से छानबीन करने गए थे। प्लेन में, ट्रेन में गए थे बस में गए थे, गाड़ी में गए थे या दिव्य दृष्टि से देखा था। यह सबसे बड़ा प्रश्न है। दूसरा प्रश्न यह की समिति में कौन-कौन से संत थे। उन्होंने कहाकि जब 12 मई को शाम को 8 बजे पत्र मिला तो अखाड़े में 8 बजे भोजन का समय होता है। भोजन करते हुए 9 बज जाते हैं। फिर इमरजेंसी में मीटिंग बुलाई गई होगी। समिति बनी होगी और फिर 12 तारीख को सुबह में जांच के लिए निकले होंगे। चर्चा में भी एक-दो घंटे लगे होंगे। या फिर 13 तारीख को सुबह में समिति बनी होगी और शाम तक रिपोर्ट ले आई होगी। फिर दोबारा 14 तारीख को मीटिंग बैठी और उसमें निष्कासित किया गया। तीसरा प्रश्न यह है कि यह पूरा तय था कि आनंद गिरि को निकालना है, लेकिन वह ढूंढ रहे थे किस मुद्दे पर निकालें और अखाड़े ने वही पुराना हथियार इस बार भी ठोक दिया, कि घर से संबंध था इसलिए निकाल दिया। अखाड़े की कानून व्यवस्था तोड़ी इसलिए निकाल दिया। अगर जो इतनी जल्दी समिति बनती है और छानबीन होती है तो इस मीडिया के माध्यम से हम यह भारत सरकार से अपील करना चाहेंगे की छानबीन का काम निरंजनी अखाड़े को सौंप दिया जाए। जो कि दिव्य दृष्टि से 24 से 48 घंटे में सारे केस साल्व कर दिया करेगा। उन्होंने कहाकि अगर रात 8 बजे इमरजेंसी मीटिंग बुलाई तो इतनी इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की जरूरत क्या थी। इतनी जल्दबाजी में अखाड़े में जो भी कुछ हो रहा है यह ठीक नहीं हो रहा है और हम इसका विरोध करते हैं।

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