डाक के माध्यम से चौकी इंचार्ज को भेजा पत्र
श्री पंच आवाह्न अखाड़े के श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने जी 20 के नाम पर त्रिवेणी घाट स्थित मंदिरों व मूर्तियों को तोड़ जाने के संबंध में मुकद्मा दर्ज करने की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र प्रेषित किया है। पुलिस द्वारा प्रार्थनापत्र स्वीकार न करने पर श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने रजिस्टर्ड डाक द्वारा त्रिवेणी घाट पुलिस चौकी को पत्र प्रेषित किया है।
पत्र में श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि देवभूमि उत्तराखण्ड़ की नगरी ऋषिकेश जो की अनादिकाल से ऋषि-मूनियों, साधु-सन्तांे की नगरी है। यहां प्रमुख मन्दिरों मे मन्दिर श्री भरत महाराज, सोमेश्वर महादेव, श्रीचन्द्रेश्वर महादे , मन्दिर श्री पातालेश्वर महादेव, मन्दिर श्री गौरी शंकर महादेव आनादीकालीन हैं। इस नगरी का प्रमुख स्थान त्रिवेणी घाट है, जहां मां गंगा यमुना, सरस्वती का पवित्र संगम है।
उन्होंने कहाकि संगम पर भगवान श्री गणेश जी, श्री गंगा मांता, यमुना जी, सरस्वती जी का तथा शीतला मांता, भैरोजी, दुर्गाजी, जय महाकाल शिव धुनी तथा आदि गुरू शंकराचार्य के समय सन् 805 की टोटकाचार्य स्वामी आनन्द गिरी की गुफा तथा उसके ऊपर श्री गौरी शंकर महादेव है। उन्होंने कहाकि इसके साथ जो सम्पति खाता खेवट 1 है जो आदि गुरू शंकराचार्य मठ मन्दिर श्री भरत जी महाराज के नाम से है। कहाकि नगर ऋषिकेश में पीडब्लूडी व डाकबंगला के अलावा कोई सम्पति सरकार की नहीं है, जिसमंे त्रिवेणी घाट जिस का जो बन्दोबस्त 1904-5 का खसरा नम्बर 96,101,102,103,104,105,106, व 51 है, जो सम्पति मन्दिर की है तथा खाता खेवट 1 है खसरा नम्बर 107 में पुराना बद्रीनाथ मार्ग सिडीयोवाला है।
खसरा नंम्बर 51 में वर्तमान त्रिवेणी घाट है। खसरा नंम्बर 101 रक्बा 1 बिगा 7 बीसा में सरस्वती धारा है तथा खसरा नंम्बर 102, रक्बा 1 बीसा बराहा भगवान का मन्दिर व खसरा नम्बर 103, रक्बा 4 बिगा 7 बिसा मन्दिर श्री बराहा भगवान, मन्दिर गौरी शंकर महादेव व हनुमान जी गणेश जी, भैरो जी, शीतला मांता, मां गंगा, यमुना, सरस्वती का त्रिवेणी मन्दिर तथा टोटकाचार्य गुफा है। खसरा नंम्बर 104 रक्बा 7 बिसा ऋषिकुण्ड़ मंे श्री यमुना जी का कुण्ड़ है तथा खसरा नंम्बर 105 रक्बा 1 बीगा मन्दिर श्री लक्ष्मीनारायण व रधुनाथ जी है। खसरा नंम्बर 106 रक्बा 2 बीगा 8 बिसा मे धर्मशाला रघुनाथ मन्दिर है, जो की मन्दिर की सम्पति है। खसरा नंम्बर 102,103 सरस्वती नदी व मन्दिर की दुकानों के बीच गौ माता के बैठने तथा यात्रियांे के भोजन बनाने की जगह है। जिस पर मन्दिर गोला रोड़ बना था। श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने कहाकि उक्त स्थान पर गैर कानूनी रूप से 5 से 15 जून 2023 तक बिना किसी वजह के बिना नोटिस दिये मन्दिरों को व मूर्तिओं को तोड़ा गया। उन्होंने प्रार्थनापत्र में इस कार्य के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकद्मा दर्ज करने की मांग की।