राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक को बनाया प्रतिवादी
फर्जीवाड़ा करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने की अपील
हरिद्वार। मां मंशा देवी मामले में चले आ रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है। अब वादी वासू सिंह ने मां मंशा देवी मामले में एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदेश कुमार गोयल की अदालत में राजाजी नेशनल पार्क के निदेशक को प्रतिवादी बनाते हुए मामला दर्ज कराया है।
बता दें कि एनजीटी में प्रार्थना पत्र देते हुए वासू सिंह ने कहाकि मां मंशा देवी मंदिर राजाजी पार्क के अंतर्गत आता है। वर्ष 1903 में 0.4 हेक्टेयर भूमि मां मंशा देवी के नाम डीफोरेस्ट की गयी थी। जिस पर स्व. सरस्वती देवी ने मंदिर की भूमि को निजि सम्पत्ति बताते हुए चार लोगों के नाम वसीयत कर दी। जबकि सरस्वती देवी को वसीयत करने का कोई अधिकार नहीं था। कहाकि उपरोक्त सम्पत्ति का स्वामित्व संबंधी कोई भी अभिलेख राजस्व अभिलेखों में अंकित नहीं है। कहाकि वयीसतनामे के आधार पर 1972 में एक ट्रस्ट का गठन किया गया, जो आज की तारीख तक अपंजीकृत की श्रेणी में है।
वासू सिंह ने कहाकि आरक्षित वन क्षेत्र में कुछ व्यक्तियों श्री महंत रविन्द्रपुरी, अनिल शर्मा, बिंदू गिरि व राजगिरि ने मां मंशा देवी के नाम चक पर फर्जी वसीयत बनाकर उस पर कब्जा कर मंदिर को व्यवसायिक स्थल बना दिया है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक मंदिर के नाम दर्ज सम्पत्ति पर किसी व्यक्ति विशेष का अधिकार नहीं होता है। इस कारण किसी को मंदिर पर अपना व्यक्तिगत अधिकार जताने का अधिकार नहीं है।
दायर वाद में वासू सिंह ने कहाकि अधिकारियों संग पत्राचार करने और अधिकारियों के आदेश के बाद भी रेंज अधिकारी वन क्षेत्र में किए गए कब्जे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इतना होने के बाद भी वन क्षेत्र में टावर लगाने और अन्य व्यवसायिक गतिविधियों का वहां संचालन किया जा रहा है। वासू सिंह ने कहाकि वन क्षेत्र होने के कारण जिला प्रशासन वहां कार्यवाही करने में असमर्थ है।
उन्होंने एनजीटी न्यायमूर्ति से राजाजी रिजर्व टाइगर के अधिकारियों को आदेशित कर मंशा देवी मंदिर से कब्जा वापस लेने, मंशा देवी मंदिर के आसपास जंगली जानवरांे से लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने, मंशा देवी के नाम चक पर फर्जी तरीके से वसीयत बनाकर कब्जा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने, जिला प्रशासन की कमेटी गठित कर मंदिर की व्यवस्थाएं सुचारू कराने व रिजर्व क्षेत्र में अतिक्रमण कराने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के आदेश जारी करने की अपील की है।
बता दें कि एनजीटी पूर्व में हरिद्वार जिला प्रशासन को मंशा देवी मंदिर के आसपास से अतिक्रमण हटाने के आदेश पूर्व में जारी कर चुकी है।