शिवशक्ति धाम डासना में रामनवमी के दिन सम्पूर्ण नवरात्रि में चलने वाला माँ बगलामुखी महायज्ञ की आज पूर्णाहुति हुई। पूर्णाहुति में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म के शत्रुओं के विनाश की शपथ ली।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज हमारी अपनी कायरता, अकर्मण्यता और कमीनेपन के कारण सनातन धर्म के सम्पूर्ण अस्तित्व पर संकट आ खड़ा हुआ है। हिन्दू अपने धर्म को लेकर इस तरह से दिग्भ्रमित हैं कि हर दिन एक नया देवता या देवी अपने यहां पैदा करके उसकी पूजा करने लगते हैं। इसी कारण हमारे भगवान, हमारी माँ और महादेव हमसे रूष्ट हो जाते हैं और उनके रूष्ट हो जाने से हमारी बुद्धि भृष्ट हो जाती है।
बुद्धि के भृष्ट होने से हमारे सामने हमारे सम्पूर्ण अस्तित्व के विलोप होने का खतरा उपस्थित हो चुका है। अगर हम अपने अस्तित्व को बचाना चाहते हैं तो हमें सनातन धर्म के मूल की ओर लौटना होगा। सनातन के मूल में मां और महादेव हैं। हम उनकी पूजा, उनकी आराधना और उनकी साधना के बिना अपने अस्तित्व को नहीं बचा पाएंगे। हमें ये समझना होगा कि हम यदि अपने धर्म, अपने परिवार और अपने अस्तित्व की रक्षा करना चाहते हैं तो हमें माँ बगलामुखी और महादेव की शरण लेनी ही पड़ेगी। सम्पूर्ण सनातन समाज के पास और कोई रास्ता नहीं है।
इस अवसर पर उन्होंने सम्पूर्ण सनातन धर्मियों से माँ बगलामुखी और महादेव की शरण लेने का आह्वान किया और संकल्प लिया कि वो सम्पूर्ण विश्व मे माँ और महादेव के महायज्ञ के माध्यम से धर्म को जागृत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।


