हरिद्वार सीटः प्रतिद्वंदी जनता का बना रहे बेवकूफ, मिलकर माल रहे लूट

हरिद्वार। चुनावी समर अपने पूरे शबाब पर है। चुनाव मैदान में उतरा हर एक प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहा है। जीत किसका वरण करेगी यह आगामी 14 मार्च को मतगणना के साथ ही पता चल पाएगा। बहरहाल चुनाव मैदान में उतरा हर एक प्रत्याशी अपनी जीत के लिए दिन-रात मेहनत करने में जुटा हुआ है।
यहां दिलचस्प बात यह कि चुनावी समर में भले ही प्रत्याशी एक-दूसरे को हराने के लिए जी जान से जुटे हैं और एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। बावजूद इसके अंदरखाने सभी एक हैं। जब माल डकारने की बात आ जाती है तो ये भद्र पुरूषों की भांति शांति से साथ बैठकर माल को बांट लेते हैं। इनकी लड़ाई और विचारधारा केवल आम जनता को दिखाने मात्र की है। जब बात धन कमाने की आती है तो इनकी लड़ाई और विचारधारा ताक पर रखी जाती है। इनका काम केवल आम जनता का बेवकूफ बनाकर अपना उल्लू सीधा करने वाला है।
दिखावे के लिए आपस में झगड़ने वाले नेता आपस में अंदरखाने एक हैं। कारण की विगत वर्षों में उत्तरी हरिद्वार में एक बड़ी सम्पत्ति का विक्रय होना था। जिसके लिए एक प्रतिद्वंदी ने सम्पत्ति का बयाना दे दिया। बयाने की समयसीमा समाप्त होने की तिथि नजदीक आने पर भी प्रतिद्वंदी शेष रकम की व्यवस्था नहीं कर पाया। इस बात का पता जब दूसरे प्रतिद्वंदी को लगा तो उसने अपने प्रतिद्वंदी के पास दूत भेजकर मदद का हाथ बढ़ाया। दोनों प्रतिद्वंदियों के हाथ मिलते ही समस्या का समाधान हो गया और दूसरे ने शेष रकम पहले को मुहैय्या करवाकर अपनी हिस्सेदारी पक्की कर ली। वहीं एक प्रतिद्वंदी ने अपने परिजनों के नाम ट्रस्ट बनाकर करोड़ों की कई बीघा जमीन ट्रस्ट के नाम दान दिखाकर अपने वारे-न्यारे कर लिए। जबकि जो सम्पत्ति ट्रस्ट में दान दिखायी गयी है उसकी कीमत कई करोड़ बतायी जा रही है। ऐसी जमीनों के करीब 42 दस्तावेज सामने आ चुके हैं। शेष अभी आने बाकी हैं।

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