द्वारिका पीठ के कथित शंकराचार्य स्वामी सदानंद के दोनों भांजों दीपेंद्र तिवारी एवं अनिल दुबे को जबलपुर मध्य प्रदेश की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
विदित हो कि वर्ष 2015 जनवरी माह में अपने साथियों के साथ अनामिका तिवारी का सामूहिक बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। स्वामी सदानंद उनके संरक्षक थे। अपने भांजे एवं सचिव को बचाने के लिए उन्होंने दान के पैसों को पानी तरह बहाया।
अपने भांजे दीपेंद्र तिवारी की शादी अनामिका तिवारी से स्वामी सदानंद ने ही 27 मई 2015 तय की थी। फिर घटना को अंजाम तक पहुंचने के लिए शादी की तारीख 31 जनवरी 2016 बढ़ाया गया। इस तरह तारीख दो बार आगे बढ़ाने के लिए कई हथकंडे अपनाए गए थे।
अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती निशा विश्वकर्मा ने अपने 134 पन्नों के आदेश में दोनों अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता 376क, 376डी, 302, 201 धारा का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं तीन तीन हजार के अर्थ दण्ड से दंडित किया है।
जानकीशरण अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट ने आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है, किन्तु आरोपितों को फांसी की सजा के लिए हाइकोर्ट जाएंगे, जो आरोपी छूट गए हैं उनके खिलाफ भी कार्यवाही की प्रक्रिया की अमल में लायी जाएगी।