प्रदेश में से मॉनसून भले ही चला गया हो, लेकिन प्राकृतिक आपदा का कहर जारी है। चमोली जिले में भूस्खलन लोगों पर आफत बनकर टूटा है। चमोली के थराली में पैनगढ़ गांव में पहाड़ी से भूस्खलन होने से एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दब गए। सभी लोगों का रेस्क्यू किया गया। लेकिन मलबे में दबने से 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक घायल को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। घायल 12 साल का बच्चा बताया जा रहा है। पैनगढ़ गांव के ठीक ऊपर पहाड़ी से भूस्खलन और बड़े बोल्डर गिरने से दो मकान जमींदोज हो गए और आसपास के मकानों को भी क्षति पहुंची है।
चमोली के थराली में पैनगढ़ गांव में पहाड़ी से भूस्खलन से मकान पर गिरे बोल्डर से एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दब गए। जिनमें से चार की मौत हो गई, जबकि एक घायल को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। पैनगढ़ में रात्रि डेढ़ बजे हुए जबरदस्त भूस्खलन और भूधंसाव से दो मकान दब गये। इस घटना में एक महिला की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। सूचना पाकर एसडीआरएफ की टीम मौके पहुंची और रेस्क्यू अभियान तेजी से चलाया। घायल 12 साल का बच्चा बताया जा रहा है। वहीं मानसून की विदाई के वक्त आई आपदा से ग्रामीण सहमे हुए हैं। आपदा से चार लोगों की मौत के बाद गांव में मातम छाया हुआ है। उक्त परिवार के कुछ सदस्य दिवाली मनाने के लिए देहरादून से घर आये हुए थे। सभी हताहत एक ही परिवार के हैं।
वहीं ग्रामीणों ने इस घटना का ठीकरा शासन-प्रशासन पर फोड़ते हुए कहा कि पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन की सूचना और विस्थापन की मांग लंबे समय से ग्रामीणों द्वारा की जा रही थी। एक वर्ष से भी ज्यादा लंबे समय से भूस्खलन हो रहा था। बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली और ग्रामीणों को विस्थापित नहीं किया। जिसका नतीजा है कि भूस्खलन की चपेट में आने से एक ही परिवार के चार लोग काल के गाल में समा गए। गांव में करीब 80 परिवार रहते हैं।