हरिद्वार। कन्या कुमारी से विभिन्न कुम्भ तीर्थ स्थानो का भ्रमण करते हुए हरिद्वार पहुंची कुम्भ संदेश यात्रा को लेकर पत्रकार वार्ता के माध्यम से इस आयोजन के विषय में जानकारी देते हुए मिशन इक्यावन-इक्यावन के कार्यकारी अध्यक्ष एम श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि ग्रामोदय संस्था के तत्वावधान में कुम्भ संदेश यात्रा का आयोजन भारत की प्राचीन संस्कृति, मान्यताओं और व्यवस्थाआंे के पुनर्जागरण का अभियान हैं। जिसके अन्तर्गत हम कन्याकुमारी से सात हजार किलोमीटर की यात्रा कर दिल्ली पहुंचे। वहां से हरिद्वार पद यात्रा करके पहुंचे हैं। उन्होने कहा कि हमे आजाद हुए 72 साल से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन हम आज भी अग्रेजी कलैंडर के अनुसार चल रहे है। जबकि हमारा भारतीय पंचांग हजारों वर्ष प्राचीन है। कुम्भ संदेश यात्रा इसी प्रकार की सामाजिक, शैक्षिक विसंगतियों की ओर जनजागरण का प्रयास है। ए मधुसूदन और डी वसंत ने कहा कि भारत की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था आत्मनिर्भर भारत की सशक्त तस्वीर पेश करती थी। जिसका दो सौ वर्षो की गुलामी में पतन हो गया है। हम उसी आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करना चाहते हैं। कुम्भ संदेश यात्रा के प्रवक्ता आचार्य अविनाश राय ने कहा कि हम भारत की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती तक आत्मनिर्भर, आधुनिक और भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत समृद्ध भारत की परिकल्पना करते है उसी को सकार करने का प्रयास कुम्भ संदेश यात्रा है।

भारतीयता के पुनर्जागरण का अभियान हैं कुम्भ संदेश यात्राः श्रीनिवासन

