देवशयनी एकादशी बुध को, अब सृष्टि का कार्यभार संभालेंगे देवाधिदेव महादेव

देहरादून। आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु 4 महीने के लिए शयन को जाते हैं, इसलिए इस एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन से सभी शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है, जो की देवोत्थान एकादशी के साथ प्रारंभ होते है। इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई बुधवार को मनाई जा रही है।

श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्री 108 महंत कृष्णागिरी महाराज ने बताया इस बार एकादशी तिथि 16 जुलाई को 8:33 मिनट से प्रारंभ हो रही है, जो की 17 जुलाई सायं 9:02 पर समाप्त होगी। उदयतिथि के अनुसार 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। देवशयनी एकादशी के दिन शुभ योग शुक्ल योग सवार्थ सिद्धियोग, अमृत सिद्धि योग के साथ अनुराधा नक्षत्र का सुंदर संयोग बन रहा है।

शुभ योग प्रातः काल से लेकर अगले दिन प्रातः 7:05 तक शुक्ल योग प्रातः 7:05 से अगले दिन प्रातः 6:13 तक तथा सवार्थ सिद्धि योग प्रातः 5:34 से अगले दिन प्रातः 3:13 तक रहेगा वही अमृत सिद्धि योग एवं अनुराधा नक्षत्र प्रातः 5:30 बजे से 18 जुलाई प्रातः 3:13 तक रहेगा। इनमें से संयोगों में इस बार देव शयनी एकादशी की पूजा का पुण्य लाभ मिलेगा।

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