हरिद्वार। वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार कमलकांत बुधकर का आज सुबह निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आज सुबह करीब 7 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली, उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। उनका अंतिम संस्कार आज खड़खड़ी स्थित शमशान घाट पर वैदिक रिती रिवाज के साथ कर दिया गया। उनकी पार्थिव देह को उनके सुपुत्र सौरभ बुधकर ने मुखाग्नि दी। शहर के धार्मिक, आध्यात्मिक, व्यापारिक, सामाजिक सभी संस्थाओं से जुड़े लोग उनके निधन पर शोक जताते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
कमलकांत बुधकर प्रेस क्लब हरिद्वार के संस्थापक महामंत्री थे। कमलकांत बुधकर उत्तराखंड ही नहीं देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकारों में शामिल थे। आज सुबह अपने हरिद्वार स्थित आवास पर बुधकर ने अंतिम सांस ली। वह 72 वर्ष के थे और पिछले काफी समय से पैरालिसिस की बीमारी से जूझ रहे थे। हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विषय के एसोसिएट प्रोफेसर रहे कमलकांत बुधकर हरिद्वार प्रेस क्लब के भी संस्थापक रहे हैं। उन्होंने साप्ताहिक पत्रिकाओं से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत की और लंबे समय तक एक दैनिक अखबार के हरिद्वार प्रभारी भी रहे। पत्रकार के रूप में बुधकर पिछले 28 वर्षों से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन कार्य करते रहे और उनकी रचनाएं भी प्रकाशित होती रही हैं। उनके निधन से पत्रकार जगत में शोक की लहर है।
19 जनवरी 1950 को हरिद्वार में जन्मे मराठी भाषी डॉ. कमलकांत बुधकर शिक्षक के रूप में 1972 से ही विभिन्न स्नातक महाविद्यालयों में हिन्दी प्राध्यापक और 1990 से गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में हिन्दी पत्रकारिता के प्राध्यापक के रूप में कार्यरत रहे।
कमलकांत बुधकर के निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय समेत पत्रकारों, सामाजिक संगठनों, राजनैतिक दलों व गणमान्य लोगांें ने शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


वरिष्ठ पत्रकार कमलकांत बुधकर पंचतत्व में विलीन
