जूना अखाड़े ने प्रस्तुत किए स्वामी प्रबोधानंद पर हत्या के मुकदमें के सुबूत

हरिद्वार। बीते रोज संतों की भारत सेवाश्रम संघ में हुई बैठक के बाद अर्द्धकुंभ व अखाड़े के संबंध में बयान करने वाले दो महामण्डलेश्वरों के निष्कासन के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ है। जिस कारण से अखाड़े के श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने निष्कासन पत्र में लगाए आरोपों के संबंध में सुबूत जारी किया है।


उल्लेखनीय है कि बीते रोज संतों की एक बैठक भारत सेवाश्रम संघ आश्रम में हुई थी। जिसमें महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि महाराज और महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोेधानंद गिरि महाराज ने कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री के साथ अखाड़ों के प्रतिनिधियों संग हुई बैठक पर रोष जताते हुए स्थानधारी संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया था।


इतना ही नहीं सरकार और सरकार के अधिकारियों के खिलाफ भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए अखाड़े के खिलाफ भी अपना आक्रोश जताया था। इस मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने दोनों महामण्डलेश्वरों को तत्काल अखाड़े से निष्कासित कर दिया था। अपने निष्कासन पत्र में श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबेधानंद गिरि पर हत्या का आरोपी होने की बात कही थी।

उनके इस आरोप से संत समाज में खलबली मच गयी थी। जिसके चलते कुछ संतों ने इस संबंध में सुबूत प्रस्तुत करने की भी बात कही थी। जिसके चलते श्रीमहंत मोहन भारती महाराज ने स्वामी प्रबोधानंद गिरि समेत चार लोगों के खिलाफ वर्ष 2009 में यूपी के जनपद बिजनौर के नगीना में दर्ज हत्या के मुकदमें प्रतिलिपि प्रस्तुत की है। अखाड़ा सूत्रों के मुताबिक अभी इस मामले में अन्य संतों पर भी कार्यवाही की जाएगी।

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