एकादशी पर जंगम शिवालय में हुआ भगवान युगल किशार का विशेष श्रृंगार

देहरादून। जंगम शिवालय देहरादून के परमाध्यक्ष श्रीमहंत किशन पुरी महाराज ने पुत्रदा एकादशी पर भगवान युगल किशोर राधा-कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया। इस अवसर पर किशन पुरी महाराज ने कहाकि हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। प्रत्येक मास में एकादशी दो बार आती है। एक शुक्ल पक्ष की एकादशी कहलाती है और दूसरी कृष्ण पक्ष की। कि प्रत्येक पक्ष की एकादशी का अपना अलग महत्व है। पुराणों के अनुसार एकादशी को हरी दिन और हरी वासर के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को वैष्णव और गैर-वैष्णव दोनों ही समुदायों द्वारा मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी व्रत हवन, यज्ञ, वैदिक कर्म-कांड आदि से भी अधिक फल देता है।
उन्होंने बताया कि एकादशी व्रत बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस व्रत को रखने की मान्यता यह है कि इससे पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। स्कन्द पुराण में भी एकादशी व्रत के महत्व का उल्लेख मिलता है। जो भी व्यक्ति इस व्रत को रखता है, उनके लिए एकादशी के दिन धान, मसाले और सब्जियां आदि का सेवन वर्जित होता है। उन्होंने बताया कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन विधि पूर्वक व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

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