देह व्यापार के मामले में पकड़े गए आरोपी की जमानत जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने स्वीकार कर ली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली हरिद्वार क्षेत्र अंतर्गत सत्यम विहार कॉलोनी भूपतवाला हरिद्वार में स्थित दिल्ली गेस्ट हाउस में कोतवाली हरिद्वार पुलिस द्वारा 27 जून को मुखबिर की सूचना पर छापा मारा गया था इस संबंध में पुलिस द्वारा कोतवाली हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें बताया था कि छापे के दौरान तीन महिलाएं व दो पुरुष आपत्तिजनक अवस्था में पकड़े गए थे और उनके पास से आपत्तिजनक सामान व नकदी भी बरामद हुई थी तथा मोबाइल भी बरामद हुए थे पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया था।
इस मामले में लवकुश पुत्र अनिल निवासी गोहावर नूरपुर बिजनौर ने माननीय जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश महोदय हरिद्वार के यहां जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें बताया था कि उसे रंजिशन झूठा फसाया गया है जबकि उसके द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है ना ही वह इस मामले में संलिप्त था।
अभियुक्त लवकुश के अधिवक्ता दिनेश वर्मा ने बताया कि इस मामले में लव कुश को झूठा फसाया है उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है तथा इस मामले में 3 वर्ष से काम की सजा है और मामला मजिस्ट्रेट परीक्षण है और माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2021 में सत्येंद्र कुमार बनाम सीबीआई में निर्णय पारित किया है कि 7 वर्ष से काम की सजा के मामले में धारा 41 सीआरपीसी वर्तमान 35(3) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता का नोटिस दिया जाना जरूरी है तथा 7 वर्ष के अंदर के अपराध पर थाने से जमानत दी जा सकती है। लवकुश को गलत रूप से गिरफ्तार किया गया है।
अभियोजन पक्ष द्वारा बताया गया इस मामले में पूर्व में पकड़ी गई तीनों महिलाओं की जमानत निरस्त की जा चुकी है तथा घटनास्थल से आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ था।
विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत उपलब्ध दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए पाया कि अपराध 7 वर्ष से कम सजा का है तथा आरोपी लवकुश 28 जून से जिला कारागार में बंद है मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए माननीय जिला जज द्वारा लवकुश की जमानत स्वीकार कर ली गई।