शांतिकुंज कार्यकर्ताओं ने निकाली भव्य शोभायात्रा
हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के आध्यात्मिक जन्मदिवस एवं वसंत उत्सव कार्यक्रम का सोमवार को शुभारंभ हुआ। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने वसंत पंचमी से फाल्गुन पूर्णिमा तक चलने वाली चालीस दिवसीय नवसृजन गायत्री महापुरश्चरण साधना के लिए देश-विदेश के हजारों साधकों को आनलाइन संकल्पित कराया। यह साधना नौ वर्षीय मातृशक्ति श्रद्धांजलि नवसृजन महापुरश्चरण के अंतर्गत चलाई जा रही है, जिसमें देश-विदेश के गायत्री साधक जुड़ते हैं।
दो दिन चलने वाले वसंतोत्सव समारोह के प्रथम दिन की शुरुआत ध्यान, साधना, हवन के साथ हुआ। पश्चात पतित पावनी मां गंगा, मां गायत्री, गायत्री के सिद्ध साधक पं. आचार्यश्री की प्रतिमा के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गयी, जिसमें अंतेवासी कार्यकर्ताओं के अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये गायत्री साधक शामिल रहे। बताते चलें कि कोविड 19 से उपजी परिस्थिति के कारण शोभायात्रा को संक्षिप्त की गयी थी। शोभायात्रा शांतिकुंज स्थित देवात्मा हिमालय परिसर से निकली और हरिपुरकलॉ, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय होते हुए वापस गायत्री तीर्थ पहुंची। शोभायात्रा में प्रज्ञा बैण्ड, घंटी, शंख आदि वाद्ययंत्रों के साथ लोगों ने पतित पावनी गंगा को निर्मल बनाने, कन्या भ्रुण हत्या को रोकने, पर्यावरण संरक्षण, हर-हर गंगे घर-घर गंगे जैसे नारों से लोगों को प्रेरित किया।
वहीं अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डा. प्रणव पण्ड्या ने नवसृजन गायत्री महापुरश्चरण साधना में जुटने वाले नये साधकों को आनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती वर्ष में चलाये जा रहे इस साधना का मुख्य उद्देश्य संक्रमणकाल में मानवता को बचाये रखना, आतंकवादी-आसुरी प्रवृत्ति को निरस्त करना तथा नवसृजन की गतिविधियों को शक्ति एवं संरक्षण प्रदान करना है। सायंकालीन सभा को आनलाइन संबोधित करते हुए शांतिकुंज के युवा प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि यह वसंत पर्व कई मायने में महत्त्वपूर्ण है। गायत्री तीर्थ की स्थापना की स्वर्ण जयंती और हरिद्वार महाकुंभ दोनों एक साथ आया है। शांतिकुंज व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा ने बताया कि वसंतोत्सव का मुख्य कार्यक्रम मंगलवार को होगा। इस अवसर पर मुण्डन, गुरुदीक्षा, यज्ञोपवीत सहित विभिन्न संस्कार निःशुल्क सम्पन्न कराये जायेंगे।