भारी पुलिस बंदोबस्त व कई जेसीबी मशीनें लेकर आईडीपीएल के आवासीय परिसर पहुंची प्रशासन की टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू की। वहीं ध्वस्तीकरण रोकने पहुंचे आईडीपीएल आवास बचाओ समिति के लोगों को पुलिस ने मौके से भगा दिया।
अपर जिलाधिकारी डा. शिव कुमार के नेतृत्व में दलबल के साथ रविवार सुबह करीब दस बजे आईडीपीएल परिसर पहुंचे प्रशासनिक अमले ने परिसर के आवासीय भवनों को जमीदोंज करने की कार्यवाही शुरू की। एक-एक कर कई मकानों को जेसीबी के पंजों ने पलभर मेे जमींदोज कर दिया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सुबह से गरजी एक साथ दर्जन भर जेसीबी ने गर्जना शुरू किया तो देखते ही देखते कई मकान ढहा दिया गए। ध्वस्तीकरण के आगे बेबस नजर आए लोग बस अपने उस आशियाने को ढहते देखते रहे जिनमंे किसी का बचपन बीता तो किसी की जवानी और किसी ने तो ढंग से आंखे भी नहीं खोली थी। हालांकि प्रशासन का दावा है कि ध्वस्तीकरण से पहले उन्होंने सभी आवासों को खाली करा लिया था।
बता दें कि वन विभाग की 800.53 एकड़ भूमि पर बने इस इडीपीएल के आवासीय व कार्यालय भवन जिसकी लीज 27 नवंबर 2021 को समाप्त हो चुकी थीं,बावजूद अभी तक यह भूमि विभाग को नहीं सौंपी गई थी। जिसके बाद प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून नीतीश मणि त्रिपाठी ने उक्त भूमि को खाली कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की मांग की थी।
किसी काम ना आया विरोध
दर्जनों जेसीबी मशीनों व भारी पुलिस बंदोबस्त के साथ पहुंची प्रशासन की टीम ने सुबह करीब दस बजे जैसे आईडीपीएल मंे प्रवेश किया, तो आईडीपीएल आवास बचाओ समिति के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। विरोध स्वरूप लोगों ने हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग अवरुद्ध कर दिया और सरकार के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि इतने भारी पुलिस बल के आगे इनकी एक ना चल सकी और पुलिस की सख्ती के चलते सभी को मायूस होकर लौटना पड़ा।
भगदड़ मेें बुजुर्ग हुए चोटिल
जिस समय प्रशासनिक अमला ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने इडीपीएल पहुंचा तो कुछ लोगो ने विरोध किया जिन्हे पुलिस बल ने खदेड़ दिया। इसी भगदड़ में एक 74 वर्षीय बुजुर्ग घायल हो गए। जिन्हंे उपचार के लिए राजकीय चिकित्सालय भर्ती कराया गया है।


